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Anil Bagri brother of Minister of State Pratima Bagri arrested on charges of ganja smuggling 46 kg of ganja recovered
MADHYA PRADESH NEWS: सतना जिले की पुलिस ने गांजा तस्करी के आरोप में मध्य प्रदेश सरकार में राज्यमंत्री प्रतिमा बागरी के सगे भाई अनिल बागरी को गिरफ्तार किया है। पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि रामपुर बघेलान थाना क्षेत्र के मरौंहा गांव में गांजा तस्करी हो रही है। सूचना मिलने के बाद पुलिस ने सोमवार सुबह छापा मारा और धान की बोरियों में छिपाए गए गांजे को बरामद किया।
कार्रवाई में अनिल बागरी और एक अन्य आरोपी पंकज सिंह को गिरफ्तार
पुलिस ने टीन शेड के नीचे रखी धान की बोरियां हटाकर 12-12 पैकेट गांजा बरामद किया। इस कार्रवाई में अनिल बागरी और एक अन्य आरोपी पंकज सिंह को गिरफ्तार किया गया। आरोपियों के पास से कुल 46 किलो 134 ग्राम गांजा मिला, जिसकी अनुमानित कीमत लगभग नौ लाख रुपए बताई जा रही है। साथ ही पुलिस ने आरोपियों की कार जब्त की, जिसकी कीमत करीब 18 लाख रुपए बताई गई है। दोनों आरोपियों को अदालत में पेश कर 12 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
गांजा तस्करी के मामले में गिरफ्तार
इससे पहले, राज्यमंत्री प्रतिमा बागरी के बहनोई यानी जीजा शैलेन्द्र सिंह सोम को भी गांजा तस्करी के मामले में गिरफ्तार किया गया था। शैलेन्द्र सिंह को 3 दिसंबर को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। इसके अलावा, वह सिंघपुर थाना क्षेत्र में नशीली कोरेक्स सिरप के मामले में भी पहले पकड़े जा चुके हैं।
मध्यप्रदेश की सियासत
इस घटना के बाद मध्यप्रदेश की सियासत गर्मा गई है। विपक्षी दल और अन्य लोग मंत्री प्रतिमा बागरी पर सवाल उठा रहे हैं और इसे राजनीतिक संरक्षण का मामला बता रहे हैं। जब मीडिया ने मंत्री प्रतिमा बागरी से भाई के गिरफ्तारी मामले पर सवाल किया, तो उन्होंने गुस्से में कहा, “जबर्दस्ती की बात क्यों करते हो तुम लोग?” और बात आगे करने से इनकार कर दिया।
कांग्रेस ने भी इस मामले पर निशाना साधा है और कहा कि “राज्यमंत्री प्रतिमा बागरी के सगे भाई और बहनोई को तस्करी के मामले में गिरफ्तार होना बताता है कि भाजपा सरकार में मंत्रियों के रिश्तेदार खुलेआम अवैध काम कर रहे हैं। मुख्यमंत्री जी, आपके गृह मंत्री से पूछिए, आखिर प्रदेश को अपराध के दलदल में कितनी गहराई तक धकेलेंगे।”
पुलिस ने मामले की गहन जांच शुरू कर दी है। पकड़े गए गांजे की मात्रा, उसकी पैकिंग और कार जब्ती से संकेत मिलता है कि यह एक संगठित तस्करी का हिस्सा हो सकता है। अधिकारियों का कहना है कि अब वे नेटवर्क के अन्य सदस्यों, स्रोत और गंतव्य का पता लगाएंगे। इस गिरफ्तारी ने राज्य की राजनीतिक और सामाजिक जिम्मेदारी पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।