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CG NEWS Two day regional conference on good governance concluded Union Minister of State said The basic mantra of good governance is transparency and accountability
रायपुर। छत्तीसगढ़ में प्रशासनिक सुधार एवं लोक शिकायत विभाग (DARPG) कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ शासन के सहयोग से 21 से 22 नवम्बर, 2024 तक अटल नगर, नवा रायपुर में आयोजित "सुशासन" पर दो दिवसीय क्षेत्रीय सम्मेलन आज, सम्पन्न हुआ।
इस सम्मेलन के समापन सत्र को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री, विष्णु देव साय और केन्द्रीय राज्यमंत्री (कार्मिक) जितेन्द्र सिंह ने संबोधित किया । इस अवसर पर केन्द्र और राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।
समापन सत्र को संबोधित करते हुए केन्द्रीय डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि, सुशासन का पहला मूलमंत्र है पारदर्शिता और दूसरा है जवाबदेही । उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रेरणा से ही नई दिल्ली के विज्ञान भवन से बाहर इस प्रकार के सम्मेलनों को आयोजित करने का विचार किया गया । उन्होंने बताया कि देश का ऐसा कोई भी राज्य नहीं है, जहां पर सुशासन सम्मेलन का आयोजन न किया गया हो । उन्होंने बताया कि लद्दाख, कटरा से लेकर पूर्वोतर के ईटानगर तक इस प्रकार के आयोजन किए जा चुके हैं।
केन्द्रीय मंत्री ने बताया कि, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब उनके द्वारा सुशासन के लिए किए गए बेस्ट प्रैक्टिसेस को अब केन्द्र में उपयोग किया जा रहा है । उन्होंने कहा इस प्रकार से सम्मेलनों से न केवल एक-दूसरे के साथ अनुभव और बेस्ट प्रैक्टिसेस साझा किए जाते हैं बल्कि एक दूसरे के साथ व्यक्तिगत संबंध भी बन जाते हैं ।
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि, गोष्ठियों के माध्यम से एक नया प्रयोग किया जा रहा है कि एक तरह की समस्याओं वाले दो राज्यों की कपलिंग किया । कपलिंग से लाभ यह है कि किसी एक राज्य ने किसी समस्या का समाधान खोज लिया है तो दूसरे राज्य में भी प्रकिया के माध्यम से समस्या का समाधान किया जा सकता है अथवा दोनो राज्य मिलकर एक टॉस्क फोर्स बनाकर एक दूसरे के साथ अनुभव साझा कर सकते हैं।
केन्द्रीय मंत्री ने कहा केन्द्र सरकार ने सुशासन के तहत सबसे बेहतर कार्य यह किया कि 2000 हजार से ज्यादा कानून जो प्रचलन में नहीं थे या गैरवाजिब हैं उनको खत्म किया । इसमें प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का अत्यधिक सहयोग रहा । उन्होंने बताया कि उनकी सरकार ने गजटेड ऑफिसर से दस्तावेजों में सत्यापन की अनिवार्यता को समाप्त किया ।
डॉ. सिंह ने बताया कि, वर्ष 2015 में लाल किले की प्राचीर से प्रधान मंत्री ने एक संदर्भ रखा कि क्या नौकरियों में साक्षात्कार को समाप्त किया जा सकता है । केन्द्रीय मंत्री कहा कि उन्हें बताते हुए गर्व हो रहा है जनवरी, 2016 से ग्रुप सी और डी की केन्द्रीय भर्तियों में साक्षात्कार को खत्म कर दिया गया, ताकि पारदर्शिता रहे, भाई-भतीजावाद न हो।
केन्द्रीय मंत्री ने बताया कि, केन्द्रीय अधिकारियों/कर्मचारियों के अनावाश्यक हरासमेंट न को इसके लिए नियम बनाए गए हैं, पेंशन नियमों में बदलाव किए और बायोमेट्रिक डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट की नई व्यवस्था की गयी है, जिसमें फेस रिकॉगनिशन के माध्यम से लाइफ सर्टिफिकेट जनरेट कर सीधे बैंको को भेजा जा सकता है । इसी प्रकार बेटियों के पेंशन रूल्स और फैमिली पेंशन के नियमों में बदलाव किए गए हैं । उन्होंने बताया कि केन्द्र सरकार में पारदर्शिता के तहत लगभग 90 प्रतिशत कार्य ऑनलाइन होने लगे हैं । उन्होंने बताया कि शिकायतों के निवारण के लिए भी ऑनलाइन की व्यवस्था की गयी है और इसमें निरंतर सुधार किए जा रहे हैं।
केन्द्रीय मंत्री ने बताया कि, केन्द्रीय कर्मचारियों के मिशन कर्मयोगी ऑनलाइन मॉड्यूल की व्यवस्था की गयी है ताकि वह सेवाओं के लिए अपने आपको अपडेट रख सके । उन्होंने बताया कि सभी मंत्रालयों में समन्वय हो इसके लिए ऑनलाइन लर्निंग की व्यवस्था की गयी है जिसके माध्यम से एक-दूसरे से सीखने का मौका मिलता है ।
डॉ. जितेन्द्र सिंह ने बताया कि, प्रशासनिक सुधार एवं लोक शिकायत विभाग ने एक नया कार्य अपने हाथ में लिया में जिसमें विजन डॉक्यूमेंट-2047 तैयार किया जा रहा है, जिसके तहत वर्ष 2047 में भारत कैसा होगा और हमारी भूमिका क्या होगी । इसमें युवाओं अधिकारियों पर ज्यादा फोकस किया जा रहा है । उनके कैपेसिटी बिल्डिंग पर प्रयास किया जा रहा है।
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