

Copyright © 2025 rights reserved by Inkquest Media
अन्य समाचार

Government sent show cause notice to Indigo CEO, sought reply within 24 hours
देशभर में पिछले एक हफ्ते से एयरपोर्ट पर यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इंडिगो एयरलाइंस की हजारों उड़ानें अचानक रद्द होने के कारण यात्रियों को न केवल सफर से हाथ धोना पड़ा, बल्कि कई जगह उनका गुस्सा भी फूट पड़ा। स्थिति बिगड़ते देख अब केंद्र सरकार और DGCA दोनों हरकत में आ गए हैं।
सिविल एविएशन मंत्रालय ने इंडिगो के CEO पीटर एल्बर्स को शो-कॉज नोटिस जारी करते हुए 24 घंटे के भीतर जवाब देने को कहा है। नोटिस में स्पष्ट रूप से पूछा गया है कि लाखों यात्रियों को हुई परेशानी के बावजूद उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों न की जाए। सरकार ने आरोप लगाया है कि इंडिगो यात्रियों को आवश्यक सुविधाएं और समय पर जानकारी देने में बुरी तरह विफल रहा है।
इंडिगो की बिगड़ती संचालन व्यवस्था को लेकर नागरिक उड्डयन मंत्रालय और एयरलाइन अधिकारियों के बीच लगभग डेढ़ घंटे लंबी बैठक हुई। इस बैठक में उड़ान रद्द होने की वजह, प्रबंधन की तैयारी और यात्रियों को राहत देने के उपायों पर विस्तार से चर्चा की गई।
DGCA ने भी इंडिगो को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। नियामक संस्था का कहना है कि एयरलाइन ने नई FDTL (Flight Duty Time Limit) नियमों के अनुसार पर्याप्त तैयारी नहीं की थी, जिससे संचालन में गंभीर गड़बड़ियां हुईं। DGCA ने यह भी कहा कि इंडिगो यात्रियों को जरूरी जानकारी और सहायता उपलब्ध कराने में नाकाम रहा।
सिविल एविएशन मिनिस्ट्री ने इंडिगो को साफ आदेश दिया है कि- सभी पेंडिंग पैसेंजर रिफंड 7 दिसंबर 2025 रात 8 बजे तक निपटा दिए जाएं। कैंसिल या डिले हुई उड़ानों में यात्रियों से अलग हुए सभी बैगेज को ट्रैक कर 48 घंटे के भीतर उनके घर या चुने पते पर डिलीवर किया जाए।
पिछले एक हफ्ते में रोजाना 500 से ज्यादा उड़ानें रद्द हुईं, जिसके चलते कई यात्रियों को एयरपोर्ट पर ही रात गुजारनी पड़ी। इंडिगो ने फ्लाइट रद्द होने के पीछे स्टाफ की कमी और DGCA के नए FDTL नियमों को जिम्मेदार ठहराया था। हालांकि, स्थिति सामान्य करने के लिए सरकार ने फिलहाल इन नए नियमों के लागू होने पर रोक लगा दी है।