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MP BREAKING: Thousands of doctors protest in Madhya Pradesh against the arrest of a doctor, who died due to cough syrup
MP BREAKING: मध्य प्रदेश में जहरीले कफ सिरप 'कोल्ड्रिफ' के सेवन से 22 बच्चों की मौत के बाद सरकार द्वारा की गई कार्रवाई को लेकर राज्यभर के डॉक्टरों में नाराजगी देखी जा रही है। इस मामले में डॉ. प्रवीण सोनी की गिरफ्तारी के खिलाफ हजारों डॉक्टरों ने विरोध प्रदर्शन किया। डॉक्टरों का कहना है कि डॉ. सोनी को बलि का बकरा बनाया जा रहा है जबकि असली दोषी – सिरप बनाने वाली कंपनी और सरकारी नियंत्रण एजेंसियां – जांच से बाहर हैं।
राज्य के कई सरकारी डॉक्टर संगठनों जैसे PMTAMP और मेडिकल ऑफिसर्स एसोसिएशन ने मिलकर इस गिरफ्तारी के खिलाफ एकजुट होकर विरोध जताया। लगभग 8,500 डॉक्टरों ने काली पट्टी बांधकर काम किया और मृत बच्चों को श्रद्धांजलि देते हुए दो मिनट का मौन रखा। उनका कहना है कि गिरफ्तारी गैरकानूनी है और बिना निष्पक्ष जांच के किसी डॉक्टर पर सीधा आपराधिक मामला चलाना गलत है।
डॉक्टरों ने सुप्रीम कोर्ट के एक पुराने फैसले का हवाला देते हुए कहा कि मेडिकल लापरवाही के मामलों में विशेषज्ञ समिति की जांच जरूरी होती है, जो इस केस में नहीं हुई। उन्होंने मांग की कि असली दोषियों – यानि जहरीली दवा बनाने वाली कंपनी श्रीसन फार्मा और दवा वितरण/गुणवत्ता जांच में शामिल सरकारी अधिकारियों – के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो। साथ ही डॉक्टरों ने पूछा कि अगर दवा जहरीली थी, तो दवा सप्लाई और निगरानी व्यवस्था की विफलता के लिए जिम्मेदार अधिकारियों को क्यों नहीं पकड़ा गया?
मृत्यु के बाद जब सिरप की जांच कराई गई तो उसमें 48.6% डायएथिलीन ग्लाइकॉल पाया गया, जो एक विषैला औद्योगिक सॉल्वेंट है। चेन्नई की एक अधिकृत प्रयोगशाला ने इस सिरप को 'मानक गुणवत्ता का नहीं' घोषित किया। इसके बाद राज्य सरकार ने कोल्ड्रिफ सिरप पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया।
दवा बनाने वाली कंपनी श्रीसन फार्मा के मालिक जी. रंगनाथन को एसआईटी (विशेष जांच दल) ने गिरफ्तार कर लिया है और उन्हें 10 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। मामले की गहराई से जांच चल रही है, लेकिन डॉक्टरों का कहना है कि इस पूरे घटनाक्रम में चिकित्सा समुदाय को बलि का बकरा बनाया जा रहा है।
इस जहरीले सिरप की वजह से सबसे ज्यादा प्रभावित जिला छिंदवाड़ा रहा, जहां अधिकांश बच्चों की मौत हुई। इसके अलावा बैतूल और पंढुर्ना जिलों से भी बच्चों की मौत की खबरें आईं हैं।