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Major disclosure in custom milling scam: EOW files challan against Dipen Chavda in special court
रायपुर, 9 दिसंबर 2025। राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) द्वारा जांच किए जा रहे बहुचर्चित कस्टम मिलिंग स्कैम में एक और बड़ा खुलासा हुआ है। इस घोटाले से जुड़े मुख्य आरोपी दीपेन चावड़ा के खिलाफ ईओडब्ल्यू ने पर्याप्त साक्ष्य जुटाने के बाद चालान तैयार करते हुए 9 दिसंबर 2025 को रायपुर स्थित विशेष न्यायालय (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) में प्रस्तुत किया। चावड़ा को नवंबर 2025 में गिरफ्तार किया गया था। वह छत्तीसगढ़ के चर्चित कारोबारी और राजनीतिक संबंधों वाले आरोपी अनवर ढेबर का करीबी सहयोगी माना जाता है।
जांच के दौरान ईओडब्ल्यू
जांच के दौरान ईओडब्ल्यू ने पाया कि दीपेन चावड़ा राज्य में आर्थिक अनियमितताओं से जुड़े कई मामलों में सक्रिय रूप से शामिल रहा है। एजेंसी का दावा है कि वह करीब 2,000 करोड़ रुपये से अधिक की अवैध धनराशि के प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता था। ये बातें उसकी डिजिटल जानकारी, बैंक दस्तावेजों और वित्तीय लेन-देन की जांच में सामने आई हैं।
कस्टम मिलिंग स्कैम में चावड़ा की भूमिका को बेहद गंभीर माना जा रहा है। ईओडब्ल्यू के अनुसार, उसके खिलाफ प्राप्त साक्ष्यों से यह साफ है कि उसने लोकसेवकों की ओर से लगभग 20 करोड़ रुपये की अवैध वसूली की। जांच में यह भी सामने आया है कि चावड़ा ने इस घोटाले के माध्यम से बड़े पैमाने पर वित्तीय अनियमितताओं को संचालित किया और अवैध लेन-देन की व्यवस्था को संभाला।
यह वही प्रकरण है जिसमें फरवरी 2025 में तत्कालीन प्रबंध संचालक मनोज सोनी और रोशन चंद्राकर के खिलाफ चालान प्रस्तुत किया गया था। इसके बाद अक्टूबर 2025 में जांच आगे बढ़ी, जिसके तहत अनवर ढेबर और अनिल टुटेजा के खिलाफ भी विशेष न्यायालय में चालान पेश किया गया था। इसी कड़ी में अब दीपेन चावड़ा के खिलाफ कार्रवाई को एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
ईओडब्ल्यू अधिकारियों का कहना
ईओडब्ल्यू अधिकारियों का कहना है कि चावड़ा के मोबाइल डेटा, बैंक खातों, वित्तीय दस्तावेजों और गवाहों के बयानों ने यह स्पष्ट कर दिया कि वह कस्टम मिलिंग स्कैम की संचालन श्रृंखला का अहम हिस्सा था। पर्याप्त साक्ष्यों के आधार पर ही आज उसके खिलाफ विशेष न्यायालय में चालान प्रस्तुत किया गया है।
कस्टम मिलिंग घोटाले में अवैध लेन-देन के रिकॉर्ड, काले धन के नेटवर्क, फर्जी बिलिंग और सरकारी योजनाओं के दुरुपयोग सहित कई अन्य पहलू सामने आए हैं। यह घोटाला छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े आर्थिक अपराधों में से एक माना जा रहा है, जिस पर ईओडब्ल्यू लगातार कार्रवाई कर रही है।
गौरतलब है कि दीपेन चावड़ा पहले से ही ईओडब्ल्यू में दर्ज कई मामलों में आरोपी है। जांच एजेंसी के अनुसार, वह अवैध धनराशि के परिसंचरण और प्रबंधन के बड़े नेटवर्क का एक सक्रिय हिस्सा था। उसके खिलाफ आय, संपत्ति और निवेश के रूप में मिली संदिग्ध संपत्तियों के कई लिंक भी उजागर हो चुके हैं।