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HC judge objectionable comment on widow lawyer Lawyers started protest in courtroom demanded public apology
केरल हाईकोर्ट में वकीलों के एक समूह ने शुक्रवार को अदालत कक्ष में प्रदर्शन किया और एक जज से सार्वजनिक रूप से माफी मांगने की मांग की। जज पर आरोप है कि उन्होंने एक विधवा अधिवक्ता के प्रति असंवेदनशील टिप्पणी की थी। इस घटना के कारण कानूनी समुदाय में भारी असंतोष फैल गया है, और केरल हाईकोर्ट एडवोकेट्स एसोसिएशन (KHCAA) इस मुद्दे पर जज की जवाबदेही तय करने की मांग कर रही है।
दरअसल, एक केस की सुनवाई के दौरान विधवा अधिवक्ता ने अपने पति के निधन के कारण एक मामले की सुनवाई स्थगित करने का अनुरोध किया। KHCAA के अनुसार, जज की प्रतिक्रिया अपमानजनक थी, जिससे महिला बेहद आहत हुई और रोते हुए कोर्ट छोड़कर चली गईं।
इस घटना के विरोध में शुक्रवार को वकील बड़ी संख्या में कोर्ट रूम में इकट्ठा हुए और कार्यवाही को बाधित कर अपना गुस्सा जाहिर किया। उन्होंने जज से सार्वजनिक रूप से माफी मांगने की मांग की।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जज ने चैंबर में निजी रूप से माफी मांगने की इच्छा जताई है, लेकिन KHCAA ने इसे खारिज कर दिया है। KHCAA के अध्यक्ष नंदकुमार एम. आर. ने एसोसिएशन का पक्ष रखते हुए कहा कि माफी ओपन कोर्ट में मांगी जानी चाहिए, क्योंकि जज की चैंबर में दी गई निजी माफी इस मामले को हल करने के लिए पर्याप्त नहीं होगी।
एसोसिएशन ने चेतावनी दी है कि यदि जज सार्वजनिक रूप से माफी नहीं मांगते हैं, तो वे एक जनरल बॉडी मीटिंग बुलाकर संभावित कदमों पर चर्चा करेंगे, जिसमें अदालत की कार्यवाही का बहिष्कार करने का निर्णय भी शामिल हो सकता है। खबर है कि केरल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश द्वारा एसोसिएशन के नेताओं से बातचीत कर सकते हैं।