नईदिल्ली। आजकल लोगों में घिबली (Ghibli) स्टाइल में अपनी तस्वीरें बनाने की होड़ लगी हुई है। नेता से लेकर सेलिब्रिटीज तक हर कोई सोशल मीडिया पर अपनी घिबली स्टाइल में बनी तस्वीरें शेयर कर रहा है। फेसबुक, इंस्टाग्राम और एक्स जैसे प्लेटफॉर्म्स पर Ghibli स्टाइल में बनी तस्वीरों की जैसे बाढ़ आ गई है। लोग अपनी और अपने बच्चों की एआई-जनरेटेड तस्वीरें धड़ल्ले से शेयर कर रहे हैं। लेकिन यह देखने में जितना मजेदार लगता है, उतना ही खतरनाक भी हो सकता है। लोग सिर्फ चैटजीपीटी ही नहीं बल्कि कई एआई टूल्स का इस्तेमाल कर अपनी एआई-जनरेटेड तस्वीरें बना रहे हैं। लेकिन क्या आपने सोचा है ये तस्वीरें कहां स्टोर हो रही हैं और क्या इस ट्रेंड का हिस्सा बनकर बिना सोचे-समझे एआई प्लेटफॉर्म्स पर अपनी तस्वीरें शेयर करना कितना सेफ है?
दरअसल, एआई टेक्नोलॉजी को भूल से भी हल्के में लेने की कोशिश न करें। बिना सोचे समझे किसी भी एआई प्लेटफॉर्म में तस्वीरें अपलोड करना आपको मुश्किल में डाल सकता है। कुछ साल पहले Clearview AI नाम की एक कंपनी पर बिना इजाजत सोशल मीडिया और न्यूज वेबसाइट्स से 3 अरब से ज्यादा तस्वीरें चुराने का आरोप लगा था। यह डेटा पुलिस और प्राइवेट कंपनियों को बेचा गया था।
यही नहीं, मई 2024 में ऑस्ट्रेलिया की Outabox कंपनी का डेटा लीक हुआ, जिसमें 10 लाख से ज्यादा लोगों के फेशियल स्कैन, ड्राइविंग लाइसेंस और पते चोरी हो गए। यह डेटा एक वेबसाइट पर अपलोड कर दिया गया, जिससे हजारों लोग पहचान चोरी (Identity Theft) और साइबर धोखाधड़ी के शिकार हो गए।
अगर आपको लगता है कि एआई से अपनी तस्वीरें जनरेट करवाना मजेदार है और इसका केवल मनोरंजन के लिए ही इस्तेमाल हो रहा है, तो आपको दोबारा सोचने की जरूरत है। Statista की रिपोर्ट के अनुसार, फेशियल रिकॉग्निशन टेक्नोलॉजी (Facial Recognition Technology) का बाजार 2025 तक 5.73 बिलियन डॉलर और 2031 तक 14.55 बिलियन डॉलर का हो सकता है।
मेटा (फेसबुक) और गूगल जैसी बड़ी कंपनियों पर आरोप लगते रहे हैं कि वे यूजर्स की तस्वीरों का उपयोग अपने AI मॉडल्स को ट्रेन करने के लिए करती हैं। PimEyes जैसी वेबसाइट्स किसी भी व्यक्ति की फोटो अपलोड करके उसकी पूरी डिजिटल उपस्थिति (Digital Footprint) निकाल सकती हैं। इसका सीधा मतलब है कि स्टॉकिंग, ब्लैकमेलिंग और साइबर क्राइम के मामले बढ़ सकते हैं।
सिर्फ टेक्नोलॉजी नहीं, हमें भी स्मार्ट बनना होगाAI ने हमारी जिंदगी को आसान बना दिया है, लेकिन यह हमें अनजाने में बड़ी मुश्किलों में भी डाल सकता है। डेटा लीक, आइडेंटिटी चोरी और साइबर धोखाधड़ी जैसी समस्याओं से बचने के लिए हमें खुद सतर्क रहना होगा। सवाल यह नहीं है कि AI आपके लिए कितना फायदेमंद है, बल्कि यह है कि आप इसे कितना समझदारी से इस्तेमाल कर रहे हैं। अगली बार जब आप किसी AI ऐप पर अपनी तस्वीर अपलोड करें, तो एक बार जरूर सोचें कि कहीं यह आपका सबसे बड़ा खतरा तो नहीं बन जाएगा?
AI ऐप्स पर अपनी तस्वीरें अपलोड करना तुरंत बंद करें।
सोशल मीडिया पर हाई-रिजॉल्यूशन तस्वीरें अपलोड करने से बचें।
फेस अनलॉक की जगह मजबूत पासवर्ड या पिन का इस्तेमाल करें।
किसी भी अनजान ऐप को कैमरा एक्सेस न दें।
सरकार और टेक कंपनियों से AI और Facial Recognition टेक्नोलॉजी के गैर-कानूनी इस्तेमाल पर सख्त कानून बनाने की मांग करें।
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