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BEd assistant teachers case CM Sai said I do not want them to lose their jobs will act on the committee recommendation
रायपुर। नौकरी पर संकट झेल रहे छत्तीसगढ़ के B.ED डिग्रीधारी शिक्षक लगातार राजधानी में प्रदर्शन कर रहे हैं। रविवार की रात रायपुर के तेलीबांधा इलाके में प्रदर्शन कर रहे सहायक शिक्षकों को पुलिस ने खदेड़ दिया। इस दौरान कई महिला शिक्षकों को चोटें भी लगीं। इसी बीच सीएम विष्णुदेव साय ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि,
'सीएस की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया है। कमेटी की जो सिफारिश आएगी उस पर विचार करेंगे। हम लोग भी नहीं चाहते की नौकरी से अलग हो, लेकिन कोई भी चीज नियम प्रक्रिया से होती है..'
B.Ed सहायक शिक्षक सेवा सुरक्षा और समायोजन की मांग को लेकर पिछले एक माह से धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। इस बीच सभी शिक्षक अपने अभिभावकों के साथ तेलीबांधा थाना से चलकर घड़ी चौक में अंबेडकर प्रतिमा पर माल्यापर्ण करने जा रहे थे लेकिन यात्रा के दौरान बीच में ही पुलिस ने इन्हें रोक लिया था। इसके बाद निराश अभिभावकों ने अपनी मांगों को लेकर नेशनल हाईवे पर बैठकर विरोध प्रदर्शन किया था। इस दौरान हाईवे पर करीब दो घंटे तक यातायात बाधित रहा था।
गौरतलब है कि B.Ed सहायक शिक्षक पिछले एक महीने से रायपुर के धरना स्थल पर लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने शासन और प्रशासन तक अपनी बात पहुंचाने के लिए कई शांतिपूर्ण प्रयास किए हैं, लेकिन अब तक उनसे किसी भी सरकारी प्रतिनिधि ने मुलाकात नहीं की। इस उदासीनता से शिक्षक और उनके परिजन गहरे आहत हैं। अभिभावकों का कहना है कि वे अपने बच्चों के भविष्य को लेकर चिंतित हैं। सहायक शिक्षकों की सेवा सुरक्षा और समायोजन के अभाव में न केवल शिक्षकों का भविष्य खतरे में है, बल्कि इससे उनकी संतानें और पूरा परिवार भी प्रभावित हो रहा है।
बीएड शिक्षकों का मामला सुलझाने के लिए राज्य सरकार ने एक कमेटी का गठन कर दिया है। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बनी अफसरों की इस कमेटी में कुल पांच सदस्यों को शामिल किया गया है। बता दें कि, हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ में सहायक शिक्षक के 2855 पदों पर योग्य अभ्यर्थियों को नियुक्ति प्रदान करने के लिए आदेश दिया गया था। आदेश के परिपालन में राज्य सरकार के उच्च शिक्षा विभाग ने डीपीआई को तत्काल इस संबंध में हाई कोर्ट के आदेश को पालन कर कार्यवाही से अवगत करवाने के लिए आदेश जारी किया है। जारी आदेश में इसे सर्वोच्च प्राथमिकता देने के लिए कहा है।