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NATIONAL GOVERNMENT ON FIFTH AND EIGHT BOARD EXAM
रायपुर। छत्तीसगढ़ के पांचवी और आठवी के छात्रों के लिए बड़ी खबर सामने आई हैं। बता दें कि, अब पांचवी-आठवीं की परीक्षा में जनरल प्रमोशन देकर अगले कक्षा में प्रोन्नति नहीं दी जाएगी।
भारत सरकार द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, परीक्षा में अवसर देने के बाद यदि कोई विद्यार्थी परीक्षा पास नहीं हो पाएगा तो 2 माह के भीतर उसे एक और अवसर दिया जाएगा। इसमें भी परीक्षा पास नहीं होने पर फिर से क्लास रिपीट करनी होगी। भारत सरकार ने राजपत्र में इसका प्रकाशन कर दिया है। स्कूल शिक्षा के गिरते स्तर के चलते केंद्र सरकार ने यह निर्णय लिया है।
आपको बता दें कि, पिछले काफी सालों से पांचवी-आठवीं की बोर्ड परीक्षा बंद कर दी गई थी। विद्यार्थियों को जनरल प्रमोशन देकर अगली कक्षा में भेज दिया जाता था। केंद्र सरकार ने निशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के तहत यह व्यवस्था बनाई थी। जिसके परिपालन में सभी राज्यों में ऐसा होता था। पर देखने में यह आ रहा था कि, इससे स्कूली शिक्षा के स्तर में काफी गिरावट आ गई थी और विद्यार्थियों का बेसिक नॉलेज भी काफी कमजोर था। जिसके चलते आगे चलकर 10वीं–12वीं की बोर्ड परीक्षा में भी नतीजे खराब आ रहे थे। राज्य सरकार के द्वारा इस व्यवस्था को बदलने हेतु असमंजस की स्थिति थी, पर भारत सरकार द्वारा अधिसूचना जारी कर देने के बाद स्थिति स्पष्ट हो गई है।
जिसके अनुसार प्रत्येक शैक्षणिक वर्ष के अंत में अब पांचवी कक्षा और आठवीं कक्षा में नियमित परीक्षा होगी। वहीं यदि इन परीक्षाओं में कोई विद्यार्थी पास नहीं हो पाता और असफल हो जाता है तो उसे परिणाम घोषित होने की तारीख से 2 माह की अवधि के भीतर फिर से परीक्षा दिलाने हेतु अवसर प्रदान किया जाएगा। इसमें यदि विद्यार्थी पास हो जाता है, तब उसे आगे की कक्षा में भेजा जाएगा अन्यथा पांचवी कक्षा या आठवीं कक्षा में ही रोक लिया जाएगा। कहने का सीधा अर्थ हैं कि, पांचवी और आठवीं बोर्ड की परीक्षाओं में जनरल प्रमोशन बंद कर दिया गया है।
भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग ने इसके संबंध में राजपत्र में अधिसूचना जारी की है। जारी अधिसूचना के अनुसार केंद्र सरकार द्वारा निशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 की धारा 38 की उपधारा (2) के खंड (च क) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए निशुल्क अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार नियम 2010 का और संशोधन करने के लिए नियम बनाया गया है। इन नियमों का संक्षिप्त नाम निशुल्क अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार संशोधन नियम 2024 है। यह सरकारी राजपत्र में उनके प्रशासन की तारीख से लागू हो गए हैं। इनमें यह भी लागू किया गया है कि प्रत्येक शैक्षणिक वर्ष के अंत पर पांचवी और आठवीं कक्षा की नियमित परीक्षा होगी और परीक्षा में प्रोन्नति मापदंड को पूरा करने में सफल रहने वाले विद्यार्थियों को परिणाम घोषित होने की तारीख से 2 माह की अवधि के भीतर फिर से परीक्षा का अवसर दिया जाएगा।
इसमें भी असफल रहने पर पांचवी और आठवीं कक्षा में यथा स्थिति रोक दिया जाएगा। विद्यार्थी को रोके रखने के दौरान कक्षा शिक्षक बालक के साथ-साथ यदि आवश्यक हो तो बालक के माता-पिता कभी मार्गदर्शन करेंगे तथा निर्धन के विभिन्न चरणों पर अधिगम के अंतरालों की पहचान करने के पश्चात इनपुट प्रदान करेंगे। स्कूल का प्रमुख रोके गए विद्यार्थियों की सूची बनाकर उनकी प्रगति के संबंध में लगातार व्यक्तिगत रूप से लगातार मॉनिटरिंग करेंगे। बालक के समग्र विकास को पाने के लिए परीक्षा और पुनः परीक्षा सक्षमता आधारित परीक्षाएं होंगी तथा ना की याद करने और प्रक्रियात्मक कौशल पर आधारित होगी। किसी भी बालक को तब तक स्कूल से नहीं निकल जाएगा जब तक वह प्रारंभिक शिक्षा पूरी नहीं कर लेता।