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CG NEWS Organization of Tribal Pride Day and Inter-State Tribal Folk Dance Festival 2024 unique glimpse of cultures of different states seen on one stage
रायपुर। राजधानी रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान में दो दिवसीय जनजातीय गौरव दिवस एवं अंतर्राज्यीय आदिवासी लोक नृत्य महोत्सव का शुभारंभ हुआ।
महोत्सव में विभिन्न राज्यों से आए लोक नर्तक दलों ने अपनी-अपनी प्रस्तुतियों से दर्शकों का मन मोह लिया। इस अवसर पर सिक्किम, गुजरात, अरुणाचल प्रदेश, मध्यप्रदेश, जम्मू कश्मीर, छत्तीसगढ़, नागालैण्ड, उत्तरांचल, तेलंगाना, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, दमन दीव, गुजरात और राजस्थान के जनजातीय समूह ने पारंपरिक लोकनृत्यों की प्रस्तुति दी।
लोक नृत्य महोत्सव में पहली सांस्कृतिक प्रस्तुति छत्तीसगढ़ के माड़िया जनजाति ने गौर माड़िया नृत्य के माध्यम से दी। गौर माड़िया नृत्य छत्तीसगढ़ राज्य के बस्तर संभाग में गौर माड़िया जनजाति द्वारा किया जाता है। इस जनजाति का यह नृत्य बहुत ही हर्षाेल्लास से परिपूर्ण, सजीव एवं सशक्त होता है। सिक्किम के लिम्बू जनजाति समुदाय के लोक नर्तक दल ने प्रकृति पूजा, फसल और प्राणियों के संरक्षण में किए जाने वाला नृत्य चासोक तांगनाम नृत्य प्रस्तुत किया। गुजरात से आए लोकनर्तक दल ने सिद्दी गोमा नृत्य और राठवा नृत्य की प्रस्तुति दी। अरुणाचल प्रदेश से आए नर्तक समूह ने गेह पदम ए ना-न्यी की प्रस्तुति दी।
इसके उपरांत मध्यप्रदेश के डिंडौरी से आए गोंड जनजाति समूह ने सैला-रीना नृत्य की प्रस्तुति से दर्शकों का मन मोह लिया। सैला-रीना नृत्य एवं गीत बहु जनजातीय नृत्य है। जम्मू कश्मीर के गुज्जर जनजातीय समुदाय के नर्तक दल ने मनमोहक गोजरी नृत्य की प्रस्तुति से खूब तालियां बंटोरी। जनजातीय गौरव दिवस एवं अंतर्राज्यीय आदिवासी लोक नृत्य महोत्सव के पहले दिन उत्तराखंड के जनजातीय समुदाय द्वारा दिया बाती नृत्य, तेलंगाना के द्वारा मथुरी नृत्य, उत्तर प्रदेश के द्वारा कर्मा नृत्य, कर्नाटक के द्वारा सुगाली नृत्य , आंध्र प्रदेश के द्वारा ढीमसा नृत्य, दमन दीव द्वारा तारपा नृत्य तथा राजस्थान के जनजातीय कलाकारों द्वारा चकरी नृत्य की प्रस्तुति दी गई।इसके साथ ही छत्तीसगढ़ के सभी जिलों के जनजातीय कलाकारों द्वारा अलग-अलग तीज त्यौहारों के लोक नृत्यों की प्रस्तुति दी गई।
साइंस कॉलेज मैदान में आयोजित जनजातीय गौरव दिवस एवं अंतर्राज्यीय आदिवासी लोक नृत्य महोत्सव के पहले दिन कलाकारों के साथ ही उपस्थित दर्शकों में भी जबरदस्त उत्साह का माहौल था।दर्शकों ने विभिन्न प्रदेशों से आए जनजातीय कलाकारों के नृत्य पर तालियां बजाकर उनका उत्साहवर्धन किया।