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CG News Chherchhera festival is being celebrated with great pomp in the state CM Sai congratulated Ramvichar Netam asked for donation of paddy from Finance Minister OP
रायपुर। छत्तीसगढ़ में आज छेरछेरा का पर्व बड़ी ही धूमधाम में मनाया जा रहा है। प्रदेश के सभी जिलों, गांवों में छोटे बच्चे घर-घर जाकर धान मांग रहे है। वहीं लोगों में बड़ा उत्साह देखने को मिल रहा है। पूरे प्रदेश में धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ दान का महापर्व छेरछेरा मनाया जा रहा है। सुबह से छोटे बच्चे बड़े बुजुर्ग सभी टोली बनाकर धान मांग रहे है। छेरछेरा माई कोठी के धान ल हेर हेरा के नारे से गांवों की गलियां गूंज रही है। ढोल-नगाड़ों सहित मादर की थाप के साथ डंडा नाच कर युवाओं की टोली लोगों के घर पहुंच रही है। लोगों के घरों में ठेठरी, खुरमी जैसे विभिन्न प्रकार के छत्तीसगढ़ी पकवान बनाए जा रहे है। प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय समेत वित्तमंत्री ओपी चौधरी ने भी छेरछेरा त्यौहार बढे ही उत्सुकता के साथ मनाया।
बता दें कि, वित्तमंत्री ओपी चौधरी ने आज कृषि मंत्री रामविचार नेताम के निवास पर जाकर छेरछेरा का पर्व मनाया। ओपी चौधरी ने रामविचार नेताम से छेरछेरा, माई कोठी के धान ला हेर हेरा… कहते हुए छेरछेरा मांगा। जिसके बाद रामविचार नेताम ने धान निकालकर टुकनी में डालकर अन्न का दान किया। मौके पर मौजूद अन्य लोगों को भी कैबिनेट मंत्री रामविचार नेताम ने अन्न का दान दिया। तो वहीं छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने भी प्रदेश वासियों को बधाई और शुभकामनाएं दी।
सीएम विष्णु देव साय ने प्रदेश वासियों को छेरछेरा पर्व की बधाई दी। उन्होंने अपने सोशल मीडिया एक्स पोस्ट शेयर करते लिखा कि, छेरछेरा तिहार दान-पुन के परब हरय। हमर छत्तीसगढ़ म दान के बहुत पुराना परंपरा हवय। संगवारी हो, हमर परंपरा ल हमन ल सहेज के रखना हे।
छेरछेरा त्यौहार छत्तीसगढ़ का लोकपर्व है। जिसे प्रदेश के छोटे बच्चे से लेकर बड़े बुजुर्ग तक सभी बड़ी धूम धाम से मनाते है। छेरछेरा हर साल पौष मास के पूर्णिमा के दिन त्यौहार के रूप में मनाया जाता है, इसी दिन बच्चे सभी के घरों में जाकर नई फसल होने की खुशी में गाँव गली मोहल्ले में घूम घूम कर धान मांगते है। आपको बता दें कि, प्रदेश के किसान इस दिन नई फसल उपजने की ख़ुशी जाहिर करने के लिए इस पर्व को मनाते है। मान्यता है कि, इस दिन पूर्णिमा होने के कारण यह त्यौहार अत्यंत ही शुभ माना जाता है। छत्तीसगढ़ में धान को माता अन्नपूर्णा देवी का स्वरूप माना जाता है। इस पर्व को मानने वालों के घर में कभी धन सम्पदा की कमी नहीं होती है। इस दिन माता लक्ष्मी और शाकम्भारी देवी की पूजा अर्चना की जाती है, साथ ही अन्न का दान करने से पापों से मुक्ति मिलती है। इस दिन बूढ़े बच्चे सभी मिलाकर विधि विधान से पूजन करने के बाद धान मांगने जाते है।
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