CG HIGHCOURT ON AMBULANCE SERVICE
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ में 108 एंबुलेंस सेवा की जर्जर हालत पर सोमवार को हुई सुनवाई में शासन की ओर से शपथपत्र प्रस्तुत कर बताया गया कि, प्रदेश में कुल 328 एंबुलेंस चल रही हैं। इनमें दो तरह का लाइफ सपोर्ट सिस्टम रखा गया है। पहली केटेगरी में बेसिक लाइफ सपोर्ट सिस्टम काम कर रहा है। दूसरी केटेगरी में एडवांस लाइफ सपोर्ट सिस्टम रखा गया है।
छत्तीसगढ़ में 108 एंबुलेंस सेवा की जर्जर हालत पर हाईकोर्ट ने संज्ञान में लेकर सुनवाई शुरू की है। 108 वाहनो के संबंध में आई रिपोर्ट के अनुसार, साल 2019 से संचालित एंबुलेंसों की हालत बिगड़ती जा रही है। नियमों के मुताबिक, तीन लाख किलोमीटर से अधिक चल चुकी गाड़ियों को बंद किया जाना चाहिए, लेकिन अधिकांश 108 एंबुलेंसों के माइलेज मीटर ही काम नहीं कर रहे।
इन गाड़ियों का नियमित निरीक्षण भी नहीं किया जा रहा, जिससे इनकी फिटनेस पर सवाल उठ रहे हैं। न केवल एंबुलेंसों की स्थिति खराब है, बल्कि इनमें मौजूद फर्स्ट एड बॉक्स, दवाइयां और उपकरण भी पर्याप्त नहीं हैं। कई मामलों में मियाद पूरी कर चुकी दवाइयां एंबुलेंसों में पाई गई हैं, जो मरीजों को स्वास्थ्य शिविरों के दौरान दी जा रही हैं।
अतिरिक्त महाधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि इन एंबुलेंसों के बारे में राज्य भर से मुख्य स्वास्थ्य अधिकारियों से जानकारी मंगाई गई थी, जिसके बाद ही शासन ने एंबुलेंस सेवा के बारे में शपथपत्र दिया है।
राज्य शासन की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार राज्य में कुल 328 संजीवनी एम्बुलेंस चलाई जा रही हैं। इनमें दो तरह का सिस्टम रखा गया है। इनमें जरूरत के हिसाब से अलग अलग इक्विपमेंट संलग्न किये गए हैं। शासन की इस जानकारी को कोर्ट ने रिकॉर्ड में लिया है। अगली सुनवाई की तिथि अभी निर्धारित नहीं हुई है।
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