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Canada which cries for freedom of expression bans Foreign Minister Jaishankar interview MEA issues a statement saying Hypocracy
नई दिल्ली। ट्रुडो सरकार आगामी चुनाव(2025) से पहले बेहद डरी हुई है। अल्पसंख्यक हिन्दुओं और खालिस्तान जैसे मुद्दों पर हर मंच पर अपनी पोल खुलने के डर से अब उसने भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर का इंटरव्यू लेने वाले ऑस्ट्रेलिआई मीडिया पर रोक लगा दी है। विदेश मंत्री जयशंकर ने ऑस्ट्रेलिया में यह इंटरव्यू दिया था, जिसका प्रसारण कनाडा में भी होता।
बता दें कि, ऑस्ट्रेलिया की न्यूज एजेंसी Australia Today ने भारतीय विदेश मंत्री जयशंकर का इंटरव्यू लिया था। विदेश मंत्री ने कनाडा को लेकर भी इस इंटरव्यू में बयान दिया था। इस इंटरव्यू के प्रसारण को रोकने कनाडा ने इस न्यूज एजेंसी पर अपने देश में प्रतिबंध लगा दिया।
बता दें कि, ये वही कनाडा है जिसने चीन के प्रमुख शी जिंग पिंग के सामने अभिव्यक्ति की आजादी की दुहाई देते हुए दोनों देशों के बीच हुई द्विपक्षीय गुप्त बातचीत का खुलासा मीडिया में कर दिया था, और उसके बाद चीन से कनाडा के रिश्ते खराब हो गए। कनाडा सरकार द्वारा भारतीय विदेश मंत्री के इंटरव्यू को लेकर लिए गए इस फैसले पर विदेश मंत्रायल ने बयान जारी किया है। भारतीय विदेश मंत्रालय (प्रवक्ता रधीर जायसवाल) ने इसे कनाडा सरकार की हिपोक्रेसी (Hypocracy) यानी पाखंड करार दिया है।
भारतीय विदेश मंत्रालय इस मुद्दे पर बेहद आक्रामक दिखाई दे रहा है। विदेश मंत्रालय ने कनाडा की इस हरकत के बाद अपने बयान में वहां रह रहे भारतीय राजदूतों की सुरक्षा को लेकर भी चिंता जताई है। MEA के प्रवक्ता ने कहा, की कनाडा में भारतीय राजनयिकों को परेशान किया जा रहा है। उनकी जासूसी की जा रही है।
बता दें कि, कुछ दिनों पहले कनाडा ने भारत को साइबर थ्रेट(Cyber Threat) बताते हुए चीन, नॉर्थ कोरिया, रूस, ईरान जैसे देशों की लिस्ट में डाल दिया था। कनाडा ने कहा था कि, इन देशों के द्वारा उसके खिलाफ गलत जानकारियां फैलाई जा सकती हैं।
भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ऑस्ट्रेलियाई मीडिया को दिए अपने इंटरव्यू के कनाडा में हिन्दुओं पर हुए हमलों को लेकर सवाल उठाए थे। इसके अलावा विदेश मंत्री ने अपनी बात को दोहराते हुए कहा था कि, निजार हत्या मामले में कनाडा बिना सबूत भारत पर आरोप लगा रहा है।
गौरतलब है कि, भारत ने मुखर होकर कनाडा में हिन्दुओं और हिंदू मंदिरों में हुए हमलों को लेकर कड़ी आपत्ति जताई थी। प्रधानमंत्री मोदी ने खुद इस मामले में ट्वीट करके इस हमले की कड़ी निंदा की थी। इसके अलावा कनाडा द्वारा भारतीय राजनयिकों के साथ किए व्यवहार को लेकर भी कड़ी टिप्पणी की थी। ये बात कनाडा को बेहद चुभी थी और इसी के बाद से कनाडा बौखलाया हुआ है।
कनाडा के लिए पीएम मोदी के ट्वीट से मुसीबत खड़ी हो रही है। ट्रुडो हर तरफ से घेरे जा रहे हैं। उनके पार्टी के सांसद भी उनकी बचकानी हरकतों से परेशान होकर उन्हें अल्टिमेटम दे चुके है। ट्रुडो सरकार की जमीन लगातार खिसक रही है। ऐसे हालात में कनाडा के लिए पीएम मोदी जैसे वैश्विक नेता जिनके हर बयान पर दुनिया की मीडिया की नजर रहती है मुसीबत खड़ी कर दी है। दूसरी बात यह भी है कि, कनाडा ने ऑस्ट्रेलिया के न्यूज एजेंसी को अपने देश में बैन किया है जो खुद फाइव आईज देशों के समूह का हिस्सा है।
कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, अमेरिका और ब्रिटेन के समूह को फाइव आई कहा जाता है। ऐसे में कनाडा के लिए आने वाले समय में मुसीबतें और बढ़ सकती हैं।
ट्रंप के सत्ता में आने के बाद से कनाडा भारी दबाव में है। कनाडा के सांसद और खालिस्तान समर्थक नेता जगमीत सिंह ने इसे लेकर गहरी चिंता जताई थी। जगमीत वही नेता है जिसने कनाडा में भारतीय राजनयिकों पर प्रतिबंध लगाने की वकालत की थी जिसके बाद उनका पत्रकारों ने मजाक बना दिया था। जगमीत की पार्टी NDP ने ट्रुडो सरकार को समर्थन दिया था। हालांकि, यह समर्थन उसने दो महीने पहले सितंबर में वापस ले लिया।