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Chhattisgarh government preparing to go to Supreme Court in B Ed case Education Minister said waiting for SC decision
रायपुर। सहायक शिक्षक के पद के लिए बीएड की जगह डीएलड डिग्री धारकों को नियुक्त किए जाने के मामले में राजस्थान सरकार के बाद अब छत्तीसगढ़ सरकार भी सुप्रीम कोर्ट का रुख करने की तयारी में है। छत्तीसगढ़ की ही तरह राजस्थान हाईकोर्ट ने भी प्राथमिक कक्षाओं में बीएड के स्थान पर डीएलएड शिक्षकों को नियुक्त करने आदेश दिया था। इस फैसले से राजस्था में हजारों तो वहीं छत्तीसगढ़ के लगभग 3500 सहायक शिक्षकों की नौकरी पर तलवार लटक गई है। उच्च न्यायलय के इस फैले के विरोध में राजस्थान सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
बता दें कि, राजस्थान तक तर्ज पर छत्तीसगढ़ सरकार भी सुप्रीम कोर्ट का जा सकती है। हाईकोर्ट ने बीएड शिक्षकों की नियुक्ति को नियमविरूद्ध बताते हुए 6 सप्ताह के भीतर डीएलएड डिग्रीधारी शिक्षकों की चयन सूची जारी करने कहा है। यदि राजस्थान संबंधित केस में सुप्रीम कोर्ट का फैसला 6 सप्ताह के भीतर नहीं आता है तो छत्तीसगढ़ सरकार इसके पूर्व भी कोर्ट में याचिका दायर कर सकती है।
गौरतलब है कि, सैकड़ों की संख्या में बीएड शिक्षकों ने रविवार को शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल से मुलाकात की। छग टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष संजय शर्मा ने बातया, लगभग 3500 सहायक शिक्षकों की नौकरी खतरे में है। एनसीटीई के गाइडलाइन के अनुसार बीएड प्रशिक्षित अभ्यर्थी सहायक शिक्षक के पद के लिए पात्र थे। शिक्षक भर्ती के नोटिफिकेशन में भी डीएलएड के साथ बीएड प्रशिक्षार्थी को पात्र माना गया था। वहीं इस पुरे मामले में शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि, इससे संबंधित एक अन्य मामला सुप्रीम कोर्ट में है। हम उस पर फैसले की प्रतिक्षा कर रहे हैं।
सहायक शिक्षकों ने ब्रिज कोर्स करवाकर उनकी नियुक्ति नियमित करने की मांग की है। इसके पूर्व भी सेवारत शिक्षकों को ब्रिजकोर्स करवाया जा चुका है। इस कोर्स के जरिए सेवारत निजी और शासकीय विद्यालयों में सेवारत ऐसे शिक्षक, जिनके पास बीएड अथवा डीएलएड कोई डिग्री नहीं थी, उन्हें डीएलएड का कोर्स ऑनलाइन मोड में करवाया गया था। शिक्षक संघ पुनः इस तरह का कोर्स करवाने तथा शिक्षकों की सेवाएं - नियमित करने की मांग कर रहा है।