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Chief Justice of India DY Chandrachud interview
Chief Justice of India DY Chandrachud:नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा है कि वकीलों को उनके चैंबर में सीखने आने वाले युवाओं को उचित वेतन और पारिश्रमिक देना सीखना चाहिए। एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने कहा कि कानून का पेशा एक मुश्किल पेशा होता है, जहां शुरुआती सालों में रखी गई नींव से युवा वकील अपने पूरे करियर में अच्छी स्थिति में रहते हैं।
Chief Justice of India DY Chandrachud:सीजेआइ ने कहा- 'किसी भी पेशे में हमेशा उतार-चढ़ाव आते रहते हैं। शुरुआत में, कानून के पेशे में पहले महीने के अंत में आपको जो राशि मिलती है, वह बहुत अधिक नहीं भी हो सकती।' उन्होंने कहा कि इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि पहली बार काम करने वालों को प्रोत्साहित किया जाए कि वे लगन से काम करें, कड़ी मेहनत करें और जो वे करते हैं, उसके प्रति ईमानदार रहें। उन्होंने कहा- 'इसी तरह, हमारे तौर-तरीकों में भी बदलाव होना चाहिए।
Chief Justice of India DY Chandrachud:सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ हिंदी और अंग्रेजी भाषा में बतौर रेडियो अनाउंसर काम कर चुके हैं। अपने शुरुआती अनुभवों को याद करते हुए सीजेआई ने बताया कि उनकी मां एक क्लासिकल सिंगर थीं, अक्सर उन्हें तीसरी या चौथी कक्षा में पढ़ते समय मुंबई में आकाशवाणी स्टूडियो में ले जाती थीं। बाद में 1975 में दिल्ली आने के बाद, उन्होंने आकाशवाणी के लिए ऑडिशन दिया और हिंदी और अंग्रेजी दोनों में कार्यक्रमों की मेजबानी करना शुरू कर दिया। उन्हें अपना पहला प्रसारण स्पष्ट रूप से याद है और उस दौरान पश्चिमी संगीत शो की मेजबानी करना याद है, जिससे आकाशवाणी के साथ उनका एक स्थायी रिश्ता बन गया।
Chief Justice of India DY Chandrachud:CJI ने कहा, “सुप्रीम कोर्ट के जज के तौर पर हमें हर हफ्ते करीब 250 केस पढ़ने पड़ते हैं। मर्डर से लेकर कमर्शियल विवाद तक हमारे पास तरह-तरह के केस आते हैं। सवाल उठता है कि मैं इन्हें मैनेज कैसे करता हूं? सबसे पहले तो मैं लोगों से बहुत मिलता-जुलता नहीं हूं। मैं रोज सुबह 3.30 बजे उठता हूं और यह मेरे दिन का सबसे अच्छा हिस्सा होता है। इस समय मैं अपने ज्यादातर काम करता हूं। मैं सुबह 9.30 या 10 बजे तक काम खत्म करने की कोशिश करता हूं।”
Chief Justice of India DY Chandrachud:सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा है कि, सरकार के प्रमुख जब हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस से मिलते हैं, तो इन मुलाकातों में ‘राजनीतिक परिपक्वता' होती है।
सीजेआई ने कहा, 'हम राज्य सरकार या केंद्र सरकार के मुखिया से मिलते हैं, तो इसका अर्थ यह नहीं है कि कोई डील हो गई। हमें राज्य के सीएम के साथ बातचीत करनी होती है, क्योंकि वे न्यायपालिका के लिए बजट देते हैं, जजों के लिए नहीं। यदि मुलाकात न करके केवल पत्रों पर निर्भर रहें, तो काम नहीं होगा। मुझ पर भरोसा करें, ये बैठकें राजनीतिक परिपक्वता का परिचायक हैं। इनका न्यायपालिका के काम पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता। मेरे कॅरिअर में ऐसा कभी नहीं हुआ कि किसी सीएम ने कभी भी मुलाकात के दौरान किसी लंबित केस के बारे में
कुछ कहा हो।'
सीजेआई ने कहा, 'अदालत और सरकार के बीच का प्रशासनिक संबंध न्यायिक कार्य से अलग है। यह एक परंपरा है कि सीएम या चीफ जस्टिस त्योहारों या शोक में एक-दूसरे से मिलते हैं। यह हमारी न्यायिक प्रक्रिया पर कोई असर नहीं डालता।'
Chief Justice of India DY Chandrachud:बता दें कि, CJI चंद्रचूड़ वकीलों और जजों की पारिवारिक पृष्ठभूमि से आते हैं। उनके पिता वाई वी चंद्रचूड़ भी भारत के 16वें मुख्य न्यायाधीश थें। उनका कार्यकाल 2 फरवरी 1978 से 11 जुलाई 1985 तक था। यह अब तक का सबसे लंबा कार्यकाल है।
जस्टिस धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ का जन्म 11 नवंबर 1959 को हुआ था। जस्टिस चंद्रचूड़ की पत्नी का नाम कल्पना दास (Kalpana Das) है। वह भी पेशे से वकील हैं। उन्होंने ब्रिटिश काउंसिल के साथ काम किया है।