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First meeting of JPC on One National- One Election, MPs received 18 thousand pages report
नई दिल्ली। संसद के शीतकालीन सत्र में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने के संबंध में पेश किए गए दो संविधान संशोधन विधेयकों पर चर्चा के लिए बीते बुधवार को बुलाई गई संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की पहली बैठक हंगामेदार रही।
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और उसके सहयोगी दलों ने एक साथ चुनाव कराने की जोरदार वकालत की है। इसके विपरीत, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) और आम आदमी पार्टी (आप) सहित विपक्षी दलों के सदस्यों ने चिंता जताते हुए कहा है कि यह पहल संविधान के मूल ढांचे पर हमला है। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अगुवाई में एक उच्च स्तरीय समिति ने 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' की अवधारणा के बारे में सभी सदस्यों को 18,000 पन्नों की एक रिपोर्ट सौंपी।
पूर्व विधि राज्य मंत्री और भाजपा सांसद पीपी चौधरी की अध्यक्षता में 39 सदस्यीय संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की पहली बैठक में कुल 37 सदस्य शामिल हुए। जेपीसी में लोकसभा से 27 और राज्यसभा से 12 सदस्य शामिल हैं। सदस्यों को 18,000 पन्नों की विस्तृत रिपोर्ट बड़े ट्रॉली बैग में मिली। वहीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा सहित कई विपक्षी सांसदों ने इस दावे पर सवाल उठाए हैं कि एक साथ चुनाव कराने से लागत कम हो जाएगी।