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Former Brahmos missile engineer Nishant Agarwal sentenced to life imprisonment used to spy for Pakistan intelligence agency ISI
नागपुर। नागपुर की जिला अदालत ने सोमवार को ब्रह्मोस मिसाइल के पूर्व इंजीनियर निशांत अग्रवाल को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। उन्हें पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के लिए जासूसी करने के आरोप में अदालत ने दोषी ठहराने के बाद ये सजा सुनाई है। अदलात ने उन्हें आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम (OSA) की धारा 3 और 5 के तहत दोषी ठहराया और ₹3,000 का जुर्माना भी लगाया। बता दें कि, ब्रह्मोस एयरोस्पेस के एक वरिष्ठ सिस्टम इंजीनियर निशांत अग्रवाल को 2018 में पाकिस्तान की एजेंसी को संवेदनशील जानकारी लीक करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
अतिरिक्त सत्र न्यायालय के न्यायाधीश एमवी देशपांडे ने यह फैसला सुनते वक्त कहा कि निशांत को आईटी अधिनियम की धारा 66 (एफ) और आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम (ओएसए) की विभिन्न धाराओं के तहत दंडनीय अपराध के लिए आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 235 के तहत दोषी ठहराया गया था।
बता दें कि, भारत के रक्षा क्षेत्र में एक प्रमुख खिलाड़ी और रूसी कंपनी के साथ साझेदारी में काम कर रही ब्रह्मोस एयरोस्पेस, भारत की सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है, जिसे जमीन, हवा और समुद्र से लॉन्च किया जा सकता है।
निशांत अग्रवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक का उपयोग करके सुपरसोनिक मिसाइल तकनीक के बारे में संवेदनशील जानकारी ISI के पाकिस्तान स्थित हैंडलर्स को साझा की। जांच एजेंसियों ने कहा कि यह संचार नेहा शर्मा और पूजा रंजन नामक फेसबुक अकाउंट के माध्यम से किया गया था।
एजेंसियों ने बताया कि निशांत अग्रवाल अपने लापरवाह रवैये के कारण एक आसान ऑनलाइन लक्ष्य बन गया। उसने खुद को पाकिस्तान स्थित हैंडलर्स के बहकावे में आने दिया और ब्रह्मोस मिसाइल के बारे में संवेदनशील जानकारी साझा की।
गौरतलब है कि, निशांत कुमार द्वारा पाकिस्तान की जासूसी एजेंसी के साथ संवेदनशील जानकारी साझा करने का खुलासा उनके सहकर्मियों के लिए विशेष रूप से चौंकाने वाला था क्योंकि उन्होंने कहा कि वह एक मेहनती, प्रतिभाशाली कर्मचारी था। भारत की प्रमुख रक्षा अनुसंधान एजेंसी, रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन ने उन्हें विभिन्न तकनीकों के विकास में उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए युवा वैज्ञानिक पुरस्कार से सम्मानित भी किया था।