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ISKCON group's 'Hare Rama-Hare Krishna' kirtan outside the church on Christmas, politics heated up due to distribution of Bhagwat Geeta
लखनऊ। बीते बुधवार को देशभर में ईसाई समुदाय ने क्रिसमस का जश्न धूमधाम से मनाया। वहीं उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक अनोखा नजारा देखने को मिला। हजरतगंज इलाके में क्रिसमस के जश्न के दौरान इस्कॉन की कीर्तन मंडली ने ढोल बजाकर हरे रामा-हरे कृष्णा का गायन किया। साथ ही चर्च के पास गीता का वितरण भी किया गया। इस्कॉन के इस आयोजन में बड़ी संख्या में लोग खुशी से शामिल हुए। इस घटना से राज्य में राजनीतिक चर्चा भी तेज हो गई है। कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने इसे लखनऊ को शर्मसार करने वाली घटना करार दिया है।
बता दें कि, लखनऊ के इस्कॉन मंदिर के एक कीर्तन मंडली ने क्रिसमस समारोह का आयोजन किया। हालांकि, जश्न मनाने का उनका तरीका काफी अनोखा था। हजरतगंज में स्थित इस्कॉन मंदिर में कीर्तन मंडली ने ढोल - नगाड़ों के साथ क्रिसमस मनाया और एक- दूसरे को शुभकामनाएं दीं। इस मौके पर गायकों ने 'हरे रामा हरे कृष्णा' के नारे लगाए और एक- दूसरे को क्रिसमस की शुभकामनाएं देते हुए ढोल -नगाड़ों की थाप पर जमकर डांस किया। इस रिश्ते के बारे में पूछे जाने पर समूह के गायकों ने कहा कि हम सनातन धर्म के अनुयायी हैं और क्रिसमस मनाकर एक - दूसरे की खुशियों में शामिल हो रहे हैं। इस तरह हम अपनी संस्कृति और सनातन परंपरा को बढ़ावा दे रहे हैं। इस अनोखे क्रिसमस सेलिब्रेशन का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिस पर लोगों की तीखी प्रतिक्रियाएं आ रही हैं।
इस घटना से लखनऊ शर्मसार है। अगर कोई दूसरों के त्यौहारों में खलल डालने की कोशिश करेगा तो लखनऊ शर्मसार होगा। हमारी सनातन संस्कृति भी अपमानित महसूस करेगी। अब तक मस्जिदों में मंदिर खोजे जाते रहे हैं, क्या अब चर्चों में मंदिर खोजे जाएंगे? किसी और के त्यौहारों में खलल डालना बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। भाजपा को ऐसे लोगों की पहचान करनी चाहिए जो दूसरों के त्यौहारों में खलल डालते हैं और खलल डालते हैं। आग से खेलना नुकसानदेह है।
वहीं समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता अमीर जमेई ने कहा कि, "कल ईसाई समुदाय के लोग ईसा मसीह की याद में प्रार्थना कर रहे थे। कौन लोग हैं जो इस सभा में घुसकर संख्या में प्रतिस्पर्धा पैदा कर रहे हैं और माहौल को बिगाड़ रहे हैं? यह भाजपा के एक धड़े द्वारा अपनाई गई चाल है, जिसे सरकार विवाद पैदा करने के लिए इस्तेमाल कर रही है। अगर आप मस्जिद के पास जाते हैं, तो आप मीनारों पर चढ़ जाते हैं और 'जय श्री राम' का नारा लगाते हैं। अब आप चर्च में पहुंच गए हैं, अब आप आगे कहां जाने का इरादा रखते हैं?"