Copyright © 2024 rights reserved by Inkquest Media
अन्य समाचार
India will buy 26 Rafale fighter jets deal will also be done for 3 Scorpene submarines
नई दल्ली। केंद्र सरकार भारतीय नौसेना की ताकत में बड़ा इजाफा करने जा रही है। भारत जल्द ही नौसैना के लिए 26 राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद को कंफर्म करने वाला है। इसके साथ ही तीन और स्कॉर्पीन पनडुब्बी की भी डील होने जा रही है। भारतीय नौसेना के प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी ने सोमवार को इस बारे में जानकारी दी है। उन्होंने बताया है कि अगले महीने यानी जनवरी में ही 26 राफेल लड़ाकू विमानों और तीन स्कॉर्पीन पनडुब्बी की खरीद के लिये अलग-अलग अनुबंधों पर हस्ताक्षर किया जा सकता है।
भारतीय नौसेना ने अपने एयरक्राफ्ट कैरियर आईएनएस विक्रांत पर फ्रांसीसी राफेल फाइटर जेट को तैनात करने की योजना बना रखी और कुल 26 राफेल मरीन जेट विमानों को खरीदने की योजना है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, दोनों देशों के बीच कई दौर की बातचीत के बाद फ्रांस ने राफेल-एम बेचने के लिए भारत के लिए दाम काफी कम कर दिए हैं।
डसॉल्ट एविएशन के ये जेट विमान मिग-29 लड़ाकू विमानों की जगह लेंगे। यह सौदा भारतीय नौसेना के लिए महत्वपूर्ण है जो अपनी समुद्री हमले की क्षमताओं को बढ़ाना चाहती है।
सौदे पर बातचीत करने और कीमत को अंतिम रूप देने के लिए हाल ही में फ्रांस की एक टीम भारत आई थी। फ्रांस से "सबसे अच्छी और अंतिम कीमत" राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल की भारत-फ्रांस रणनीतिक वार्ता के लिए देश की यात्रा के बाद आई है। समाचार एजेंसी एएनआई ने रक्षा सूत्रों के हवाले से बताया कि कई दौर की बातचीत के बाद अंतिम कीमत भारतीय अधिकारियों को सौंप दी गई है।
सौदे को लेकर चर्चा एक साल से अधिक समय से चल रही है क्योंकि भारत की रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) ने जुलाई 2023 में खरीद प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी। अंतर-सरकारी समझौते (आईजीए) के अनुसार, 26 राफेल "भारतीय नौसेना के लिए संबंधित सहायक उपकरण, हथियार, सिम्युलेटर, पुर्जे, दस्तावेज, चालक दल के प्रशिक्षण और रसद सहायता के साथ आएंगे।" हालांकि, इसकी आखिरी कीमत क्या तय की गई है, फिलहाल इसकी जानकारी नहीं है, लेकिन राफेल मरीन सौदे के साथ भारतीय नौसेना अपनी शक्ति का विस्तार करेगी।
चार दिसंबर को मनाए जाने वाले भारतीय नौसेना दिवस से पहले मीडिया से बातचीत के दौरान नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी ने कहा है कि भारत द्वारा चीन और पाकिस्तान की नौसेनाओं की गतिविधियों पर करीब से नजर रखी जा रही है। उन्होंने इस बात की उम्मीद जताई है कि इस महीने नहीं तो अगले महीने राफेल लड़ाकू विमान और पनडुब्बी की डील को अंतिम रूप दे दिया जाएगा और इस पर हस्ताक्षर हो जाने चाहिए।
नौसेना प्रमुख ने एक और अहम जानकारी दी है कि केंद्र सरकार ने दो न्यूक्लियर पॉवर्ड सबमरीन के लिए भी मंजूरी दे दी है। ऐसी कुल 6 पनडुब्बी बनाने की योजना बनाई गई है। नौसेना प्रमुख ने बताया है कि परमाणु ऊर्जा से संचालित होने वाली पहली सबमरीन 2036-37 तक और दूसरी 2038-39 तक तैयार हो जाएगी।
बीते साल ही भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय की ओर से फ्रांस से राफेल-एम जेट विमानों की खरीद को मंजूरी दी गई थी। इन विमानों को मुख्य तौर पर भारत के स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत पर तैनात किया जाएगा। नौसेना प्रमुख एडमिरल त्रिपाठी ने कहा है कि ये दोनों देशों की सरकार के बीच का समझौता है, इसलिए इसमें ज्यादा समय नहीं लगेगा। इसके साथ ही उन्होंने ये भी बताया है कि भारत की नौसेना की क्षमता को बढ़ाने के लिए वर्तमान में 62 जहाज और एक पनडुब्बी का निर्माण कार्य जारी है।
बीते कुछ समय से चीन द्वारा पाकिस्तानी नौसेना के लिए कई युद्धपोत और पनडुब्बियों का निर्माण किया जा रहा है। इस मुद्दे पर नौसेना प्रमुख एडमिरल त्रिपाठी ने कहा- "पाकिस्तानी नौसेना के लिए 8 नयी पनडुब्बियां काफी अहम लड़ाकू क्षमता होगी, लेकिन हम उनकी क्षमताओं से अवगत हैं। हम पाकिस्तानी नौसेना की आश्चर्यजनक वृद्धि से अवगत हैं, जिसका लक्ष्य 50 जहाजों वाली नौसेना बनना है। उन्होंने अपने लोगों के कल्याण के बजाय हथियारों को चुना है। हम चीनी की नौसेना, उनके युद्धपोतों और उनके रिसर्च वाले जहाजों सहित क्षेत्र से बाहर की ताकतों पर नजर रख रहे हैं। हम जानते हैं कि वे क्या कर रहे हैं और कहां हैं।"