New Delhi JPC approves Waqf Bill all 14 proposals for amendment in Waqf law passed
नई दिल्ली। विपक्षी सांसदों के विरोध के बीच संयुक्त संसदीय समिति यानी जेपीसी ने वक्फ बोर्ड कानून में संशोधन के लिए लाए गए बिल को मंजूरी दे दी है। संसद का बजट सत्र शुरू होने से पहले सोमवार को हुई फाइनल मीटिंग में इसे मंजूरी दी गई। जेपीसी के अध्यक्ष भाजपा सांसद जगदंबिका पाल ने कहा कि इस फाइनल मीटिंग में सभी 44 संशोधनों पर चर्चा की गई। इनमें एनडीए सांसद के 14 सुझावों को मंजूरी दे दी गई है। उन्होंने बताया कि विपक्षी सदस्यों ने भी कुछ प्रस्ताव रखे, लेकिन वोटिंग के दौरान उन्हें नकार दिया गया।
वक्फ संशोधन विधेयक पर जेपीसी की रिपोर्ट बजट सत्र के दौरान पेश होगी। गौरतलब है कि संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान विपक्षी सांसदों की मांग पर जेपीसी का कार्यकाल बढ़ा दिया गया था। सोमवार को हुई मींटिंग के बाद जेपीसी अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने कहा कि समिति द्वारा अपनाए गए संशोधन कानून को बेहतर और अधिक प्रभावी बनाएंगे। गौरतलब है कि वक्फ बोर्ड द्वारा जमीनों पर दावों और उनके विवाद निपटाने की प्रक्रिया की अक्सर आलोचना होती रही है।
बहरहाल, जेपीसी में शामिल विपक्षी सांसदों ने बैठक की कार्यवाही की निंदा की और जगदंबिका पाल पर लोकतांत्रिक प्रक्रिया को नष्ट करने का आरोप लगाया। तृणमूल कांग्रेस के सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा कि, ‘बैठकों का यह दौर हास्यास्पद था। हमारी बात नहीं सुनी गई। पाल ने तानाशाही तरीके से काम किया है’। उनके आरोपों पर जगदंबिका पाल ने कहा कि पूरी प्रक्रिया लोकतांत्रिक थी और बहुमत की राय को प्राथमिकता दी गई।
गौरतलब है कि इससे पहले जेपीसी की बैठक में कई बार हंगामा हुआ था। एक बार कल्याण बनर्जी ने पानी की बोतल तोड़ दी थई। ऐसे ही 24 जनवरी को दिल्ली में हुई बैठक में विपक्षी सदस्यों ने हंगामा किया था। उन्होंने दावा किया कि उन्हें ड्राफ्ट में प्रस्तावित बदलावों पर शोध के लिए पर्याप्त समय नहीं दिया गया। उन्होंने आरोप लगाया थी कि भाजपा दिल्ली चुनावों के कारण ध्यान में रखते हुए वक्फ संशोधन विधेयक पर रिपोर्ट को संसद में जल्दी पेश करने पर जोर दे रही है।
तृणमूल कांग्रेस के सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा था कि समिति की कार्यवाही एक तमाशा बन गई है। इसके बाद समिति ने कल्याण बनर्जी और असदुद्दीन ओवैसी सहित 10 विपक्षी सांसदों को एक दिन के लिए निलंबित कर दिया। 24 जनवरी की बैठक के बाद जम्मू कश्मीर के हुर्रियत नेता मीरवाइज उमर फारूक ने बिल का विरोध करते हुए कहा था, ‘इसमें कलेक्टर को मनमानी शक्तियां दी गई हैं। आदेश देकर और रेवेन्यू रिकॉर्ड्स में दर्ज एंट्रीज को बदलकर वक्फ की संपत्तियों को सरकारी संपत्ति दिखाने का पूरा अधिकार दिया गया है। ये संशोधन पूरी तरह से मुस्लिम समुदाय के खिलाफ हैं’। गौरतलब है कि मीरवाइज उमर फारूक के साथ एक प्रतिनिधिमंडल जेपीसी से मिला था।
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