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Opposition took a jibe at the Union Budget, did Mamta-Akhilesh say bye to I.N.D.I.A block?
नई दिल्ली। मोदी सरकार के 3.0 का पहला बजट मंगलवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पेश किया गया । सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के सहयोगी दल इस बजट को ऐतिहासिक बताते हुए कह रहे हैं कि यह विकसित भारत की नींव रखेगा। वहीं दूसरी ओर विपक्षी दलों भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने बजट की आलोचना करते हुए इसे जनता को धोखा देने और कुर्सी बचाने वाला बजट बताया है। बजट के विरोध में जहां I.N.D.I.A गठबंधन ने एकजुटता दिखाई, वहीं बजट के खिलाफ आगे की लड़ाई को लेकर I.N.D.I.A गठबंधन के भीतर ही मतभेद नजर आ रहे है।
बीते दिन कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के आवास पर सरकार को घेरने की रणनीति बनाने के लिए बैठक बुलाई गई थी। इस बैठक में तृणमूल कांग्रेस के नेता तो मौजूद थे और आम आदमी पार्टी ने भी स्पष्ट किया है कि उनके मुख्यमंत्री डीएमके के साथ 27 जुलाई को होने वाली नीति आयोग की बैठक में शामिल नहीं होंगे। संभावनाएं यह भी जताई जा रही हैं कि झारखंड के मुख्यमंत्री और जेएमएम नेता हेमंत सोरेन भी नीति आयोग की बैठक में शामिल नहीं होंगे। बजट को लेकर I.N.D.I.A के 'ब्लॉक' में दरारें दिखने लगी हैं।
बता दें कि, केंद्रीय बजट में राज्यों के अधिकार का अतिक्रमण और भेदभाव करने का आरोप लगाकर I.N.D.I.A एलायंस ने मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। हालांकि, इस मुहिम के शुरू होने से पहले ही ममता बनर्जी ने एक बार फिर अपना अलग रुख अपनाकर I.N.D.I.A एलायंस को झकझोर दिया है। कांग्रेस और I.N.D.I.A गठबंधन के लिए चिंता की बात यह भी है कि, ममता बनर्जी और अखिलेश यादव ने कई मोर्चों पर एकता दिखाई है। हाल ही में इन दोनों की मुलाकात मुंबई में हुई थी, जिसके बाद ममता बनर्जी के बुलावे पर अखिलेश यादव ने बंगाल में शहीद रैली में भी हिस्सा लिया था।
दरअसल, तृणमूल कांग्रेस और समाजवादी पार्टी दो बड़ी राजनीतिक पार्टियां हैं। जिन्होंने लोकसभा चुनाव में अपने-अपने राज्यों में बेहतरीन प्रदर्शन किया है। ये दोनों पार्टियां I.N.D.I.A गठबंधन को प्रभावित करने की ताकत भी रखती हैं और ममता बनर्जी लोकसभा चुनाव में ऐसा कर भी चुकी हैं। बजट के खिलाफ नीति आयोग की बैठक के प्रति I.N.D.I.A गठबंधन में असंतोष के संकेत मिलने लगे हैं। इससे राजनीतिक हलकों में एक और सवाल खड़ा हो गया है कि क्या I.N.D.I.A अलायंस में दरार आ गई है या फिर ये महज क्षेत्रीय दलों के हितों का टकराव है।