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PM Modi inaugurated Z Mod Tunnel said Today India is moving towards new heights of progress
नई दिल्ली। देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज सोमवार को जम्मू-कश्मीर के गांदरबल में जेड मोड़ टनल का इनॉगरेशन किया। श्रीनगर-लेह हाइवे NH-1 पर बनी 6.4 किलोमीटर लंबी डबल लेन टनल श्रीनगर को सोनमर्ग से जोड़ेगी। टनल बनने से लोगों को ऑल वेदर कनेक्टिविटी मिलेगी। टनल का इनॉगरेशन करते हुए पीएम मोदी ने कहा, जम्मू-कश्मीर की लद्दाख की एक और बहुत पुरानी डिमांड आज पूरी हुई है। आप पक्का मानिये ये मोदी है वादा करता है तो निभाता है। हर काम का एक समय होता है और सही समय पर सही काम भी होने वाले हैं।’ उधर, राज्य के सीएम उमर अब्दुल्ला ने कहा कि उम्मीद है जम्मू-कश्मीर के स्टेटहुड का वादा भी पूरा होगा।
जेड मोड़ टनल के इनॉगरेशन के बाद श्रीनगर-लेह हाइवे पर गगनगीर से सोनमर्ग के बीच एक घंटे की दूरी अब 15 मिनट में पूरी होगी। इसके अलावा गाड़ियों की स्पीड भी 30 किमी/घंटा से बढ़कर 70 किमी/घंटा हो जाएगी। दुर्गम पहाड़ी वाले इस इलाके को क्रॉस करने में पहले 3 से 4 घंटे का समय लगता था। अब यह दूरी मात्र 45 मिनट में पूरी होगी।
पीएम मोदी ने 27 मिनट के भाषण में कहा जम्मू-कश्मीर की लद्दाख की एक और बहुत पुरानी डिमांड आज पूरी हुई है। इससे सोनमर्ग के साथ करगिल और लेह के लोगों की जिंदगी भी बहुत आसान होगी। अब बर्फबारी के दौरान एवलांच से या बरसात में होने वाली लैंड स्लाइड के कारण रास्ते बंद होने की परेशानी कम होगी।
पीएम मोदी ने कहा- देश की उन्नति के लिए, जम्मू-कश्मीर की उन्नति के लिए जिन श्रमिक भाइयों ने कठिन परिस्थितियों में काम किया, जीवन को संकट में डालकर काम किया, अपनी जान गंवाई, लेकिन संकल्प से डिगे नहीं। श्रमिक साथी डिगे नहीं, किसी ने घर वापस जाने की बात नहीं की। उन्होंने हर चुनौती को पार करते हुए इस काम को पूरा किया है। जिन 7 साथियों को हमने खोया है, मैं आज सबसे पहले उनका स्मरण करता हूं।
पीएम मोदी ने कहा कि आज भारत तरक्की की नई बुलंदी की तरफ बढ़ चला है। हर देशवासी 2047 तक भारत को डेवलप नेशन बनाने में जुटा है। ये तभी हो सकता है, जब हमारे देश का कोई हिस्सा कोई भी परिवार तरक्की से डेवलपमेंट से पीछे न छूटे। इसके लिए ही हमारी सरकार सबका साथ सबका विकास की भावना के साथ पूरे समर्पण से काम कर रही है। इस टनल से सोनमर्ग समेत पूरे इलाके में टूरिज्म को भी नए पंख लगने वाले हैं।
पहले के मुश्किल दिनों को पीछे छोड़कर हमारा कश्मीर धरती का स्वर्ग होने की पहचान वापस पा रहा है। आज लोग रात के समय लाल चौक पर आइसक्रीम खाने जा रहे हैं। चिनाब ब्रिज की इंजीनियरिंग देखकर दुनिया हैरत में है। यहां कुछ दिन पहले पैसेंजर ट्रेन का ट्रायल हुआ। यहां के प्रोजेक्ट्स 42 हजार करोड़ से ज्यादा के हैं। इन पर काम चल रहा है। पीएम मोदी ने कहा कि, ये मौसम, बर्फ, बर्फ की चादर से ढंकी पहाड़ियां देखकर दिल प्रसन्न हो जाता है। यहां आता हूं तो बरसों पहले के दिन याद आने लग जाते हैं। जब मैं भाजपा के संगठन के कार्यकर्ता के रूप में काम करता था, तब अक्सर यहां आना होता था। इस एरिया में मैंने काफी समय बताया है।
20 अक्टूबर 2024 को आतंकियों ने टनल के कर्मचरियों पर हमला किया था। दो आतंकी गगनगीर में मजदूरों के कैंप में घुस गए और फायरिंग की थी। इस हमले में टनल का निर्माण कर रही इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी के 6 मजदूरों सहित 7 लोग मारे गए थे। हमले में एक स्थानीय डॉक्टर की भी मौत हो गई थी। जेड मोड़ टनल के आगे बन रही जोजिला टनल का काम 2028 में पूरा होगा। इसके तैयार होने के बाद ही बालटाल (अमरनाथ गुफा), कारगिल और लद्दाख को ऑल वेदर कनेक्टिविटी मिलेगी, दोनों टनल के शुरू होने के बाद इसकी कुल लंबाई 12 किलोमीटर हो जाएगी। इसमें 2.15 किमी की सर्विस/लिंक रोड भी जुड़ जाएगी। इसके बाद यह एशिया का सबसे लंबी टनल बन जाएगी। फिलहाल हिमाचल प्रदेश में बनी अटल टनल एशिया की सबसे लंबी टनल है। इसकी लंबाई 9.2 किलोमीटर है। यह मनाली को लाहौल स्पीति से जोड़ती है।
चीन से लगी लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल तक सेना के लिए रसद और हथियार पहुंचाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। बर्फबारी के समय आर्मी पूरी तरह से एयरफोर्स पर निर्भर हो जाती है। दोनों टनल प्रोजेक्ट के पूरे होने से आर्मी कम खर्च में अपना सामान LAC तक पहुंचा सकेगी। साथ ही चीन बॉर्डर से पाकिस्तान बॉर्डर तक बटालियन मूव करने में भी आसानी होगी।
टनल प्रोजेक्ट की शुरुआत 2012 में हुई। बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन को इस टनल प्रोजेक्ट दिया गया, लेकिन बाद में प्राइवेट कंपनी को काम सौंपा गया।
PPP मॉडल के तहत बनी यह टनल अगस्त 2023 तक शुरू हो जानी थी, लेकिन कोरोना काल में कंस्ट्रक्शन में समय लगा।
जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के दौरान आचार संहिता लगी और इसका उद्घाटन कुछ और दिन टला। प्रोजेक्ट पूरा होने में कुल 12 साल लगे।
2700 करोड़ रुपए के इस प्रोजेक्ट में 36 करोड़ रुपए भूमि अधिग्रहण और कंस्ट्रक्शन शुरू करने के पहले इंन्फ्रास्ट्रक्चर प्लानिंग में लगे।
यह टनल समुद्र तल से 2600 मीटर यानी 5652 फीट की उंचाई पर बनी है। यह मौजूदा जेड शेप सड़क से करीब 400 मीटर नीचे बनी है।