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रायपुर। बलौदाबाजार जिले के सुहेला इलाके में संचालित सरकारी स्कूल में कई छात्राएं एक के बाद एक बेहोश होती चली गईं। छात्राओं को चक्कर आना और उल्टी होने जैसा लग रहा है। यह मामला शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय खपराडीह का है। इस दौरान प्रभावित छात्राओं को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया। इस घटना से गुस्साए ग्रामीणों ने पास ही संचालित श्री सीमेंट पर प्रदुषण फैलाने का आरोप लगाते हुए कारखाने के गेट पर धरना दे दिया।
इस घटना के दौरान एम्बुलेंस की व्यवस्था नहीं होने पर आनन-फानन में निजी वाहनों से 30 से 35 बच्चों को सुहेला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में ले जाया गया।
इस घटना की जानकारी मिलने पर कलेक्टर दीपक सोनी जिले के SP के साथ स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे और छात्राओं का हाल जाना। इस घटना में 30 से अधिक बच्चों की तबीयत बिगड़ने की जानकारी सामने आई, इनमें से 12 बच्चों को बेहतर इलाज के लिए भाटापारा और बलौदा बाजार रेफर किया गया, जबकि शेष बच्चों का उपचार स्वास्थ्य केंद्र सुहेला में चल रहा है। कलेक्टर ने पीड़ित बच्चों से मुलाकात की और उनकी स्थिति की जानकारी ली। उन्होंने बताया कि छात्राओं की तबीयत बिगड़ने के कारणों का पता लगाने के लिए जांच की जा रही है।
छात्राओं के बीमार होने के बाद ग्राम खपरा डीह के ग्रामीणों का गुस्सा फूटा और पास ही स्थित श्री सीमेंट संयंत्र के गेट के सामने बड़ी संख्या में ग्रामीण जुट गए। ग्रामीण संयंत्र को बंद करने के लिए गेट पर नारेबाजी करने लगे। वहीं सुरक्षा के लिए पुलिस की टीम भी मौके पर पहुंच गई और ग्रामीणों को समझाइश देने में जुट गई।
इस दौरान यह जानकारी सामने आयी है कि, श्री सीमेंट द्वारा अपने कारखाने में मेडिकल वेस्ट जलाया गया, जिससे तीखी दुर्गन्ध फैली और इससे छात्राओं का दम घुटने लगा और वे एक के बाद एक बेहोश होने लगीं। वहीं यह भी कहा जा रहा है कि कारखाने से किसी गैस के लीकेज होने से प्रदूषण फैला।
इस घटना की गंभीरता को देखते हुए रायपुर से पर्यावरण विशेषज्ञों और हाइजीन लैब की टीम को ग्राम खपरा डीह बुलाया गया। यह टीम क्षेत्र में संभावित कारणों और गैस लीकेज की पुष्टि के लिए जांच कर रही है। स्थानीय प्रशासन इस पूरे मामले पर नजर बनाए हुए है। इस बीच, खपरा डीह के ग्रामीणों में भारी आक्रोश देखने को मिला। सैकड़ों ग्रामीण संबंधित संयंत्र के गेट के सामने इकट्ठा होकर नारेबाजी कर रहे हैं और संयंत्र को बंद करने की मांग कर रहे हैं। उनका आरोप है कि यह घटना संयंत्र के संचालन की लापरवाही का नतीजा है, जो ग्रामीणों के स्वास्थ्य और पर्यावरण को प्रभावित कर रहा है।