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Rain caused havoc, more than 1 thousand devotees got disturbed in Kedarnath, 46 missing in Himachal
देहरादून। पहाड़ी राज्यों में हाल ही में आई बाढ़ और भूस्खलन से हुई तबाही से राहत मिलती नहीं दिख रही है। हिमाचल प्रदेश में तीसरे दिन भी 46 लापता लोगों का पता नहीं चल पाया है। उत्तराखंड में मौसम की वजह से बचाव अभियान में बड़ी बाधा आ रही है। 9099 तीर्थयात्रियों को सुरक्षित निकाल लिया गया है, लेकिन करीब एक हजार लोग अभी भी विभिन्न स्थानों पर फंसे हुए हैं।
बता दें कि, बंगाल में पिछले दो दिनों से हो रही भारी बारिश के कारण विभिन्न जिलों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। उधर, उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खुद राहत और बचाव अभियान की निगरानी कर रहे हैं। गृह मंत्रालय भी हालात पर नजर रखे हुए है। इसके बावजूद केदारनाथ धाम और पैदल यात्रा मार्ग पर फंसे सभी तीर्थयात्रियों को चार दिन बाद भी नहीं निकाला जा सका है।
मौसम बना रुकावट
मौसम की प्रतिकूल परिस्थितियों के कारण बीते शनिवार को भारतीय वायुसेना के परिवहन हेलीकॉप्टर चिनूक और एमआई-17 उड़ान भरने में असमर्थ रहे। भीमबली, चिरबासा और लिनचोली में फंसे 1000 तीर्थयात्रियों को छोटे हेलीकॉप्टरों के माध्यम से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और मंदिर समिति की टीमों ने वैकल्पिक मार्गों से केदारनाथ धाम से 600 लोगों को सुरक्षित निकाला और 400 अन्य को हेलीकॉप्टरों से निकाला गया।
9 हजार से ज्यादा श्रद्धालुओं को बचाया गया
अब तक कुल 9,099 तीर्थयात्रियों और स्थानीय निवासियों को बचाया गया है। लगभग 1,000 तीर्थयात्री विभिन्न स्थानों पर फंसे हुए हैं। केदारनाथ धाम की यात्रा स्थगित कर दी गई है। पुलिस ने लिनचोली क्षेत्र में तीन शव बरामद किए हैं; दो मलबे में दबे हुए थे, जबकि एक मंदाकिनी नदी में मिला। पहचाने गए पीड़ितों में उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के शुभम कश्यप और रुद्रप्रयाग के घिमटोली के नीरज शामिल हैं। तीसरे व्यक्ति की पहचान अभी तक नहीं हो पाई है। चमोली के रहने वाले गिरीश को SDRF ने 18 घंटे तक चट्टानों के नीचे फंसे रहने के बाद बचाया, उनके पैर में चोट आई थी।
हिमाचल में भारी बारिश की चेतावनी की जारी
हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा, ऊना, मंडी, शिमला, सोलन और सिरमौर जिलों के कुछ इलाकों में रविवार को तेज हवाओं के साथ भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है। इससे बचाव कार्यों में लगे अधिकारियों में चिंता बढ़ गई है। लापता 46 लोगों का अभी तक पता नहीं चल पाया है। शनिवार को मंडी की चोहार घाटी में एक लड़की का शव मिला। इसके अलावा शिमला के सेमेज में 33, चोहार घाटी में चार और कुल्लू में नौ लोग लापता बताए गए हैं।
बादल फटने और बाढ़ के कारण अब तक आठ लोगों की मौत हो चुकी है। ड्रोन समेत विभिन्न उपकरणों की मदद से लापता लोगों की तलाश के लिए अभियान चलाया जा रहा है। चौहारघाटी के पद्धर उपमंडल के राजबन में बचाव अभियान में टीम को एक बोल्डर के नीचे एक शव मिला। बोल्डर इतना मजबूत था कि उसे तोड़ने के लिए 16 धमाके करने पड़े। उसके बाद बोल्डर के नीचे 11 वर्षीय अनामिका नाम की बच्ची का शव मिला। राजबन में बादल फटने के बाद आई बाढ़ में अब तक सात शव बरामद हो चुके हैं।