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Strong attack on Naxalite stronghold: Platoon 1-2 on target, major operation by soldiers of three districts successful
दंतेवाड़ा। अबूझमाड़ में महत्वपूर्ण सफलता के बाद अब जवानों का पूरा ध्यान नक्सली प्लाटून 1 और 2 पर केंद्रित हो गया है, जिन्होंने बस्तर में सबसे अधिक नुकसान पहुंचाया है। ये प्लाटून नक्सलियों की सबसे मजबूत बटालियन हैं, जिसका नेतृत्व कुख्यात नेता हिड़मा करता है। यह बटालियन टेकलगुड़म और कासालपाड़ जैसे इलाकों में हमलों में जवानों को काफी नुकसान पहुंचाने के लिए जिम्मेदार रही है। अब इनके खिलाफ ऑपरेशन शुरू किया गया है।
बता दें कि, इस अभियान में तीन जिलों बीजापुर, सुकमा और दंतेवाड़ा के जवान शामिल हैं। इसमें डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड (डीआरजी), बस्तर फाइटर्स, सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स (सीआरपीएफ), कोबरा और स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) के जवान शामिल हैं। पुलिस ने अभियान के विशिष्ट स्थान का खुलासा नहीं किया है। माड़ के इलाके के बाद नक्सलियों के सुरक्षित क्षेत्र गोगुंडा और पिडिया हैं।
अबूझमाड़ में जो पहले सुरक्षा बलों की पहुंच से दूर था, 38 नक्सलियों को ढेर कर दिया गया है। यह इलाका लंबे समय से उग्रवादियों के लिए सबसे सुरक्षित माना जाता रहा है। पीडिया और गोगुंडा के पहाड़ी इलाके भी नक्सलियों के लिए सुरक्षित माने जाते हैं, लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने कई मौकों पर यहां सफलतापूर्वक ऑपरेशन चलाए हैं। हिड़मा को घेरने की तैयारी पूरी हो चुकी है।
नक्सलियों की दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी ने नक्सलियों की हत्या के विरोध में 21 और 22 अक्टूबर को देशव्यापी बंद का आह्वान किया है। हालांकि 21 अक्टूबर को इस बंद का कोई खास असर नहीं दिखा। नक्सलियों ने बैनर और पोस्टर जरूर लगाए हैं।
दस्तावेजों में उल्लेख है कि 23 सितंबर और 4 अक्टूबर को जवानों के साथ मुठभेड़ में हमारे 38 साथी शहीद हुए। 23 सितंबर को काकुर-पारदी में हुई मुठभेड़ में डीकेएसजेडडीसी सदस्य रूपेश, डीवीसी सदस्य जगदीश और पीपी सदस्य सरिता की जान चली गई। रिपोर्ट में कहा गया है कि 4 अक्टूबर को हुई मुठभेड़ में 35 साथी मारे गए। एएसपी आरके बर्मन ने संकेत दिया कि थुलथुली मुठभेड़ में 38 नक्सली मारे गए, उन्होंने कहा कि, बंद का कोई असर नहीं हुआ है और ऑपरेशन जारी है। उन्होंने जोर देकर कहा कि, अब नक्सलियों के पास आत्मसमर्पण ही एकमात्र विकल्प है।
सुकमा जिले के किस्टाराम में नक्सलियों ने मुखबिरी के आरोप में मरकाम अंडा की हत्या कर दी है। हालांकि बीते शुक्रवार को ही उसकी हत्या कर दी गई थी, लेकिन नक्सलियों द्वारा फैलाए गए भय के माहौल के कारण उसकी मौत की खबर सामने नहीं आई। पुलिस को इलाके में हुई इस घटना के बारे में अज्ञात स्रोत से जानकारी मिली है। वहीं जांच में पता चला है कि नक्सलियों ने मरकाम की हत्या की है। किस्टाराम एरिया कमेटी के सदस्यों को मरकाम पर पुलिस का मुखबिर होने का शक था। हत्या के बाद से इलाके में डर का माहौल है। फिलहाल पुलिस जांच कर रही है, जिसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
नक्सलवाद की ओर भटके युवा अब समाज की मुख्यधारा में लौट रहे हैं। इसी कड़ी में दो इनामी माओवादियों समेत तीन माओवादियों ने नक्सलवाद छोड़ दिया है। इनमें कटेकल्याण थाना अंतर्गत मडगदम पटेलपारा में रहने वाला मालंगेर एरिया कमेटी का प्लाटून नंबर 24 का सदस्य आयता उर्फ नंदू मर्दवी (2 लाख का इनाम), डीवीसी सचिव जगदीश का गार्ड हिडमा मर्दवी (2 लाख का इनाम) और अरनपुर थाना अंतर्गत पटेलपारा का ककाड़ी आरपीसी मिलिशिया का सदस्य देवा हेमला शामिल हैं। इन सभी ने आत्मसमर्पण कर दिया है।
तीनों नक्सलियों ने डीआईजी कमलोचन कश्यप, डीआईजी सीआरपीएफ राकेश कुमार, एसपी गौरव राय, सीआरपीएफ कमांडर 111 नीरज यादव, एएसपी स्मृति राजानाला और एएसपी आरके बर्मन सहित विभिन्न पुलिस और सीआरपीएफ अधिकारियों की मौजूदगी में डीआरजी कार्यालय में आत्मसमर्पण किया।