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Supreme Court takes strict action; orders all states to appoint paralegal volunteers and support persons in police stations
नई दिल्ली। बचपन बचाओ आंदोलन की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को देशभर के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को POCSO एक्ट के तहत पुलिस स्टेशनों में पैरा लीगल वॉलंटियर्स (PLVs) और सपोर्ट पर्सन्स नियुक्त करने का निर्देश दिया। अदालत ने कहा कि यह व्यवस्था बाल यौन अपराधों के पीड़ितों को आवश्यक कानूनी व मानसिक सहायता उपलब्ध कराने के लिए बेहद ज़रूरी है।
डिवीजन बेंच जस्टिस बी.वी. नागरत्ना और जस्टिस के.वी. विश्वनाथन ने राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (NALSA) को आदेश दिया कि वह इस निर्णय की जानकारी सभी राज्य विधिक सेवा प्राधिकरणों तक तुरंत पहुंचाए।
कई राज्यों में लागू नहीं हुई योजना, सुप्रीम कोर्ट ने जताई नाराज़गी
याचिकाकर्ता संगठन ने कोर्ट को बताया कि कई राज्यों ने अब तक हर पुलिस स्टेशन में PLVs की नियुक्ति और उनके लिए फंड उपलब्ध कराने में गंभीर लापरवाही की है। NALSA की 29 नवंबर 2025 की स्टेटस रिपोर्ट के अनुसार कई राज्यों में स्थिति बेहद चिंताजनक है,
आंध्र प्रदेश: 919 में से केवल 42 पुलिस स्टेशनों में PLVs
मणिपुर: 90 में से 1
ओडिशा: 612 में से 30
दिल्ली: 204 में से 50
तमिलनाडु: 1,577 में एक भी नहीं
बिहार व हरियाणा: योजना अधिसूचित तक नहीं, PLVs तैनाती शून्य
महाराष्ट्र: 1,226 में से 283
कर्नाटक: 1,099 में से 50
उत्तर प्रदेश: 1,602 में से 1,037 (सबसे बेहतर स्थिति)
जबकि लद्दाख, चंडीगढ़, मेघालय, सिक्किम, दादरा-नगर हवेली और दमन-दीव ने सभी पुलिस स्टेशनों में PLVs तैनात कर दिए हैं।
फंड या नियुक्ति न होने पर मुख्य सचिवों को कोर्ट में बुलाएगा सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने चेतावनी देते हुए कहा कि जिन राज्यों ने PLVs को पैनल में शामिल नहीं किया है या फंड की कमी के कारण योजना लागू नहीं की है, उनके मुख्य सचिवों को अगली सुनवाई पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कोर्ट में उपस्थित होना होगा। अदालत ने राज्यों के वकीलों से कहा कि वे अपने-अपने राज्यों की स्थिति का सत्यापन करें और यदि PLVs तैनात नहीं किए गए हैं तो तुरंत कदम उठाए जाएं।
POCSO Act की धारा 39 के तहत Support Persons की कमी पर भी चिंता
सुप्रीम कोर्ट ने पाया कि कई जिलों में POCSO मामलों के लिए सपोर्ट पर्सन्स उपलब्ध नहीं हैं, जबकि धारा 39 के तहत यह अनिवार्य है। कोर्ट ने निर्देश दिया कि, प्रत्येक जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अपने जिलों में सपोर्ट पर्सन पैनल तैयार करे। आवश्यक हो तो विशेष POCSO अदालतें स्वयं सपोर्ट पर्सन नियुक्त कर सकती हैं। राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव महिला एवं बाल विकास विभाग के सचिव से समन्वय करें।
अगली सुनवाई 10 फरवरी 2026 को
सुप्रीम कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई की तारीख 10 फरवरी 2026 तय की है। तब तक सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करनी होगी।