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The Excise Department patted itself on the back after catching the consignment of illegal liquor but when will it take action against its officials
रायपुर। राजधानी के जिला आबकारी विभाग ने अवैध शराब की बड़ी खेप पकड़ी है। जिले के खुद उपायुक्त कोचिया बनकर शराब तस्करो तक पहुंचे और बातचीत कर शराब की बडी खेप का सौदाकर कार्रवाई को अंजाम दिया....लेकिन इस कार्रवाई की खबरे सामने आने के बाद एक आम आदमी इस कार्रवाई पर खडे हुए सवालो का जवाब ढूंढने में लगा हुआ है....
दरअसल, उपायुक्त महोदय ने ये कार्रवाई धरसींवा के इलाके में करना बताया लेकिन उस इलाके के जिम्मेदार अधिकारी पर क्या कार्रवाई की....? क्योकि जानकार समेत आम आदमी का मानना है कि शराब की इतनी बडी खेप बिना विभाग के किसी अधिकारी-कर्मचारी की मिलीभगत के बिना लाना और लाकर स्टोर करना मुश्किल ही नही नामुमकिन है....पूरे ऑपरेशन की विभाग से मिली जानकारी के मुाताबिक उपायुक्त महोदय को जरिये मुखबिर सुचना मिली की शराब की एक बड़ी खेप शहर में आई हुई है जिसके बाद खुद उपायुक्त सक्रिय हुए और शराब तस्कर मोतीलाल साहू को कार (सीजी 10 एफए 8132) में शराब परिवहन करते धर दबोचना बताया। आरोपियों के पास से बिना होलोग्राम वाली 40 पेटी नकली गोवा शराब जब्त की गई.... साथ ही एक अन्य आरोपी युवराज साहू को पिकअप (CG25 K 2638) में 300 लीटर स्प्रिट परिवहन करते पकड़ा गया, वाहन से बड़ी मात्रा खाली शीशियां, ढक्कन और अन्य सामग्री जब्त की गई...
आपको बता दें कि, राज्य में पूर्ववर्ती सरकार के समय एक 3 हजार करोड रूपयो का बडा आबकारी घोटाला सामने आने के बाद भी आबकारी विभाग की शराब के ओवररेट या शराब तस्करी पर अबतक की गई विभागीय कार्रवाईयों से साफ जाहिर हो रहा है कि इस तरह की लापरवाही किसी बडी गड़बडी को जन्म देती है....फिलहाल सभी आरोपियो को जेल भेजकर आबकारी विभाग के जिम्मेदार अधिकारियो ने ये कार्रवाई कर अपनी पीठ खुद थपथपा ली लेकिन इलाके में तैनात जिम्मेदार अधिकारी पर कब कार्रवाई करेगे ?