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Bombay HC releases minor in Pune Porsche accident case calls JJC decision illegal
मुंबई। पुणे एक्सीडेंट केस में आरोपी नाबालिग को बॉम्बे हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिल गयी है। बॉम्बे हाई कोर्ट ने उसकी हिरासत को अवैध ठहराते हुए उसे तुरंत रिहा करने का आदेश दे दिया है। बॉम्बे कोर्ट ने कहा कि, ये जुवैनाइल जस्टिस बोर्ड के अधिकार क्षेत्र के बाहर का मामला था। बता दें कि, नाबालिक को दोबारा हिरासत में लिया गया था, जिसके बाद 37 दिन से नाबालिग जुवैनाइल होम में था। जिसके बाद अब वो अपनी बुआ के घर में रहेगा।
सूत्रों के मुताबिक, बॉम्बे हाई कोर्ट ने जुवैनाइल बोर्ड द्वारा उसे दोबारा हिरासत में लेने के आदेश को अवैध करार किया है। कोर्ट ने कहा कि एक बार किशोर को रिहा करने के बाद दोबारा उसे हिरासत में लेने का आदेश देना जुवैनाइल जस्टिस बोर्ड के अधिकार क्षेत्र में नहीं है। हाई कोर्ट ने साफ कहा है कि, ये आदेश ऊपर से आना चाहिए था। लेकिन हादसे के बाद उसे रिहा करने के आदेश को लेकर लोगों में जो गुस्सा बना था। जिसे देखते हुए ऐसा फैसला किया गया था,जो कि गलत है।
बता दें कि, 18 और 19 मई की रात पुणे के कल्याणी नगर में नशे में चूर होकर आरोपी नाबालिग ने अपनी पोर्शे कार से टक्कर मारकर दो लोगों की जान ले ली थी। ये कार 17 साल का नाबालिग चला रहा था। जिसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया था। लेकिन गिरफ्तारी के कुछ ही घंटों बाद उसे ‘निबंध’ लिखने की शर्त पर जमानत मिल गई थी। इस घटना के बाद खूब बवाल हुआ था जिसको देखते 22 मई को उसे दोबारा हिरासत में ले लिया गया। क्योंकि जुवैनाइल जस्टिस बोर्ड ने उसकी जमानत को रद्द कर दिया था। उसके बाद से किशोर को हिरासत में ही रखने की मांग लगातार उठ रही थी। निचली कोर्ट से उसे राहत न मिलने के बाद परिवार ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। जिसके बाद अब बॉम्बे हाई कोर्ट ने उसकी हिरासत को अवैध बताते हुए उसे तुरंत जमानत पर रिहा करने का फैसला सुनाया है।