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8 villages affected due to high tension power lines tremors being felt farming stopped in thousands of acres Chhattisgarh HC takes cognizance
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में हाइटेंशन बिजली तार के नीचे और आसपास करंट से ग्रामीणों के प्रभावित होने की खबर को संज्ञान में लेकर हाईकोर्ट में सुनवाई जारी है। आज चीफ जस्टिस की डीबी में सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की विस्तृत रिपोर्ट पेश करने की जानकारी दी गई। दरअसल पूर्व के सुनवाई में कोर्ट को जानकारी दी गई थी कि विद्युत प्राधिकरण, विद्युत मंत्रालय की एक समिति गठित की गई है, जिसमें कृषि क्षेत्र में अपनी ट्रांसमिशन लाइन स्थापित करने वाली कंपनियों को ट्रांसमिशन लीकेज का समाधान निकालने के लिए बुलाया गया है। इस समिति की रिपोर्ट को 17 जनवरी तक न्यायालय के समक्ष रखी जानी थी। आज सुनवाई के दौरान विस्तृत रिपोर्ट पूर्ण होने की जानकारी दी गई और कोर्ट से समय मांगा गया,जिसपर कोर्ट ने एक सप्ताह का समय देकर अगली सुनवाई तय की है।
दरअसल हाईटेंशन विद्युत लाइन होने के चलते ग्रामीणों और मवेशियों की जान को खतरा है। भयभीत ग्रामीणों ने हजारों एकड़ में इसके चलते खेती बंद कर दी है। इस प्रकाशित मीडिया रिपोर्ट पर स्वतः संज्ञान लेते हुए हाईकोर्ट ने जनहित याचिका के तौर पर इसकी सुनवाई शुरू की है। जिसमें बिलासपुर जिले के रतनपुर क्षेत्र के लगभग आठ गांवों के खेतों में हाईटेंशन तार के नीचे और टॉवरों के आसपास करंट के झटके महसूस किए जा रहे हैं। बचने के लिए लोग रबड़ के बूट, जूते पहन रहे हैं, इसके बावजूद हर रोज ग्रामीणों को करंट लग रहा है। मवेशियों और बच्चों को इससे ज्यादा खतरा है। इस समस्या से आसपास के कछार, लोफंदी, भरारी, अमतरा, मोहतराई, लछनपुर, नवगंवा, मदनपुर गांव अधिक प्रभावित हैं। इन गांवों में 20 से अधिक टावर होने की वजह से जमीन में करंट दौड़ रहा है। यहां के किसानों को हाईटेंशन लाइन के कारण बार बार करंट लगने से ये प्रभावित हो रहे हैं।