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A festive atmosphere reigned in Kashi on Putin's arrival in India, with 1,100 lamps spelling out
वाराणसी। भारत के पारंपरिक मित्र देश रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के भारत दौरे से जनमानस में उत्साह का माहौल है। काशी भी इस गर्मजोशी का साक्षी बनी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पुतिन की मुलाकात से पहले वाराणसी में भारत-रूस मैत्री को समर्पित कई आयोजन हुए।
भारत-रूस मैत्री के समर्थन में निकला मार्च
बुधवार को विशाल भारत संस्थान के लोगों ने जोरदार मार्च निकालकर भारत-रूस मैत्री जिंदाबाद के नारे लगाए। मार्च के दौरान पुतिन के चित्र को रोली-अक्षत से तिलक लगाया गया। उनके समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर आरती उतारी गई। पोस्टर और बैनरों के साथ ढोल-नगाड़ों के बीच सुभाष भवन से मुंशी प्रेमचंद स्मृति द्वार तक रैली निकाली गई।
राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. राजीव श्रीगुरुजी ने कहा कि भारत और रूस स्वाभाविक मित्र हैं और दोनों राष्ट्र मिलकर दुनिया को शांति का रास्ता दिखाएंगे। उन्होंने पुतिन के भारत आगमन को वैश्विक परिवर्तन का संकेत बताया। राष्ट्रीय महासचिव डॉ. अर्चना भारतवंशी, मुस्लिम महिला फाउंडेशन की राष्ट्रीय सदर नाजनीन अंसारी सहित कई लोग मार्च में शामिल हुए।
गंगा आरती में भी दिखा स्वागत का जोश
बीते गुरुवार शाम दशाश्वमेध घाट पर आयोजित प्रसिद्ध गंगा आरती में भी पुतिन का विशेष स्वागत किया गया। गंगा तट पर 1100 दीपों से ‘वेलकम पुतिन’ लिखा गया। भारत-रूस मैत्री के लिए विशेष अनुष्ठान किया गया। गंगा सेवा निधि के अध्यक्ष सुशांत मिश्रा और बड़ी संख्या में श्रद्धालु, साधु-संत एवं स्थानीय लोग इस विशेष आयोजन में मौजूद रहे।