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पत्नी की ‘हत्या’ के आरोप में डेढ़ साल जेल में रहा शख्स, जीवित पत्नी पहुंची कोर्ट : जज ने गुस्से में चार्जशीट को बताया कचरा

By: शुभम शेखर CHECKED BY LATA
karnataka
4/5/2025, 4:10:16 PM
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A man was in jail for one and a half years on the charge of murdering his wife his surviving wife went to court

मैसूर से एक हैरान करने वाली खबर सामने आई है। यहां पत्नी की हत्या के आरोप में डेढ़ साल तक जेल में बंद रहा व्यक्ति तब रिहा हुआ जब कथित रूप से मृत बताई गई उसकी पत्नी खुद अदालत में पहुंच गई। मामले में भारी चूक पाते हुए अदालत ने पुलिस को कड़े शब्दों में फटकार लगाई और फिर से जांच के आदेश दिए हैं।

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पूरा मामला क्या है ?

जानकारी के अनुसार, 38 वर्षीय कुरुबारा सुरेश को दिसंबर 2020 में उस समय गिरफ्तार किया गया था जब उसकी पत्नी मल्लिगे को कोडागु जिले से लापता बताया गया। लगभग नौ महीने बाद, बेट्टदापुरा पुलिस को एक महिला का शव मिला और कथित रूप से सुरेश पर दबाव बनाकर उस शव की पहचान उसकी पत्नी के रूप में कराई गई, जिसके आधार पर उसे हत्या के आरोप में मुख्य अभियुक्त बना दिया गया।

जज ने गुस्से में चार्जशीट को बताया कचरा !

हालांकि, यह मामला तब पलट गया जब मल्लिगे खुद अदालत में हाजिर हुईं और स्पष्ट किया कि वह जीवित हैं। इस घटनाक्रम ने न केवल पुलिस जांच को कटघरे में खड़ा किया, बल्कि न्यायपालिका को भी झकझोर दिया। पांचवे अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश गुरुराज सोमक्कलवार ने कहा कि चार्जशीट में गंभीर खामियां हैं और यह “कचरा” है जिसे फेंक देना चाहिए।

न्यायाधीश ने टिप्पणी की, “यह पूरे देश में तीसरी या चौथी घटना होगी जब किसी व्यक्ति को बिना ठोस और पुख्ता सबूतों के न्यायिक हिरासत में रखा गया।” उन्होंने मैसूरु के पुलिस अधीक्षक एन. विष्णुवर्धन को 17 अप्रैल तक पुन: जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।

अदालत को बताया गया कि, सितंबर 2022 से शुरू हुए इस मुकदमे में कई सुनवाई हुईं, लेकिन कभी कोई ऐसा ठोस सबूत सामने नहीं आया जिससे यह सिद्ध हो सके कि मृत महिला मल्लिगे ही थीं। इसके बावजूद पुलिस ने सुरेश के खिलाफ केवल कपड़ों और चूड़ियों के आधार पर चार्जशीट दाखिल कर दी, जिन्हें मल्लिगे ने अदालत में पहचानने से इनकार कर दिया।

दोषी पोलिसकर्मियों से जवाब तलब

मामले के उजागर होने के बाद, अदालत ने निर्देश दिया कि मल्लिगे को चार दिनों के लिए एक पुनर्वास गृह में रखा जाए ताकि पुलिस उनके बयान दर्ज कर सके। साथ ही, न्यायाधीश ने चार्जशीट तैयार करने में लापरवाही बरतने वाले पुलिसकर्मियों से जवाब-तलब करने का आदेश भी दिया।

आरोपी के पिता, कुरुबारा गांधी ने कहा कि उनके बेटे को झूठे आरोप में जेल में डालकर मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया गया। उन्होंने दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई और बेटे को उचित मुआवजा देने की मांग की है।

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