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BREAKING: Al-Falah University accused of fake NAAC accreditation after being named in Delhi blast probe
BREAKING NEWS: हरियाणा के फरीदाबाद में स्थित अल-फलाह यूनिवर्सिटी फिर से सुर्खियों में है। इस बार विवाद का कारण पढ़ाई या स्टाफ नहीं, बल्कि फर्जी मान्यता दिखाना है। राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (NAAC) ने विश्वविद्यालय को शो‑कॉज़ नोटिस भेजा है। इस नोटिस में आरोप लगाया गया है कि विश्वविद्यालय ने अपनी वेबसाइट और सार्वजनिक दस्तावेजों में गलत जानकारी देकर जनता को गुमराह किया। विश्वविद्यालय ने दावा किया था कि उसे NAAC की ‘A’ ग्रेड मान्यता प्राप्त है, जबकि वास्तविकता में यह दावा सही नहीं है।
NAAC के अनुसार, विश्वविद्यालय ने Cycle‑1 A&A अक्रिडिटेशन के लिए आवेदन नहीं किया था। इसके अलावा, जिन कॉलेजों को पहले ‘A’ ग्रेड मिली थी, उनकी अवधि समाप्त हो चुकी है। विश्वविद्यालय को फिर से मान्यता लेने की प्रक्रिया पूरी करनी थी, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। NAAC ने इसे “गलत और गुमराह करने वाला” बताया और निर्देश दिया कि विश्वविद्यालय अपनी वेबसाइट और प्रचार सामग्री से इस तरह के दावों को हटा दे। साथ ही, 7 दिनों के भीतर लिखित जवाब देने को कहा गया है कि क्यों कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए।
इस विवाद के साथ ही विश्वविद्यालय का नाम हाल ही में दिल्ली ब्लास्ट (Red Fort blast) जांच में भी सामने आया है। इस मामले में विश्वविद्यालय से जुड़े कुछ स्टाफ और डॉक्टरों की जाँच चल रही है। इस पृष्ठभूमि में NAAC की कार्रवाई को सिर्फ शैक्षिक मामला नहीं बल्कि विश्वविद्यालय की समग्र विश्वसनीयता और नियामक अनुपालन की दिशा में गंभीर संकेत माना जा रहा है।
यह मामला छात्रों और अभिभावकों के लिए चेतावनी है कि प्रवेश लेने से पहले यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि विश्वविद्यालय और पाठ्यक्रम मान्यता प्राप्त और प्रमाणित हैं। अगर विश्वविद्यालय NAAC को संतोषजनक जवाब नहीं देता, तो भविष्य में उसे अक्रिडिटेशन मिलने में समस्या आ सकती है। यह विवाद यह भी दिखाता है कि “मान्यता का दावा” केवल शैक्षिक विवरण नहीं, बल्कि संस्थागत विश्वसनीयता का आधार है।