Bail plea of Soumya Chaurasia and Suryakant Tiwari canceled in DMF scam case
रायपुर। डीएमएफ (डिस्ट्रीब्यूटेड मिनरल फंड) घोटाले में आरोपी रायपुर सेंट्रल जेल में बंद निलंबित राज्य सेवा अधिकारी सौम्या चौरसिया और कारोबारी सूर्यकांत तिवारी की जमानत याचिका सोमवार को एसीबी और ईओडब्ल्यू की विशेष कोर्ट ने खारिज कर दी। दोनों आरोपितों ने जमानत के लिए अदालत में आवेदन दाखिल किया था, जिसमें उन्होंने खुद को निर्दोष बताते हुए डीएमएफ घोटाले से किसी भी प्रकार के संबंध से इनकार किया।
जमानत याचिका में आरोपितों ने यह दावा किया कि उन्हें ईओडब्ल्यू ने झूठे आरोपों में फंसाकर परेशान किया है और उनका इस घोटाले से कोई लेना-देना नहीं है। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि ईडी द्वारा पेश किए गए किसी भी दस्तावेज में उनका नाम तक नहीं था।
सौम्या चौरसिया और सूर्यकांत तिवारी की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ताओं ने आरोप लगाया कि केंद्रीय जांच एजेंसी ने इन दोनों को कोयला घोटाले में भी आरोपित किया है। उनका कहना था कि सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के ठीक पहले ईओडब्ल्यू ने जानबूझकर साजिश के तहत इन्हें गिरफ्तार किया है, जबकि डीएमएफ घोटाले में एफआईआर एक साल पहले दर्ज की गई थी। इतने समय बाद अचानक प्रोडक्शन वारंट पर कोर्ट में बुलवाकर गिरफ्तार किया गया और पूछताछ के लिए रिमांड पर लिया गया।
कोर्ट ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद इस मामले की गंभीरता और घोटाले से जुड़ी जमानत की स्थिति को ध्यान में रखते हुए आरोपितों की जमानत याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने कहा कि चूंकि यह मामला घोटाले से जुड़ा है, इसलिए जमानत का लाभ नहीं दिया जा सकता है।
अन्य समाचार
Copyright © 2025 rights reserved by Inkquest Media