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Betrayal of Minister: Pharmaceutical Corporation handed over fire audit to NGO, contract canceled after dispute
रायपुर। छत्तीसगढ़ के सरकारी अस्पतालों में फायर सेफ्टी ऑडिट के ठेके को लेकर एक अहम मामला सामने आया है, जिसमें फार्मास्युटिकल कॉर्पोरेशन की संलिप्तता सामने आई है। अनियमितताओं के उजागर होने के बाद शुक्रवार को ठेका रद्द कर दिया गया। गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कॉर्पोरेशन (सीजीएमएससी) के अधिकारियों ने निजी एनजीओ को ठेका दिलाने के प्रयास में स्वास्थ्य मंत्री को भी धोखा दिया।
बता दें कि, बीते माह विधानसभा के प्रश्न काल में विधायक धर्मजीत सिंह ने चिंता जताते हुए कहा था कि सरकार को लोगों की जानमाल की सुरक्षा के लिए अस्पतालों में फायर सिस्टम पर ध्यान देना चाहिए। वरना छत्तीसगढ़ के अस्पतालों में कभी भी आग लगने की घटना हो सकती है। इस पर स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने अपने जवाब में कहा कि अस्पतालों का फायर सिस्टम और उसका आडिट स्वास्थ्य विभाग का मामला नहीं है। यह गृह विभाग के तहत आता है। गृह विभाग ही इसका आडिट कराता है। जबकि खुद सीजीएमएससी ने करोड़ों में ठेका दे दिया था।
गृह विभाग के अंर्तगत आने वाले अग्निशमन विभाग द्वारा फायर सिक्योरिटी आडिट मुफ्त में करता है। इसके बाद भी सीजीएमएससी ने इसका ठेका एक एनजीओ को दे दिया है। इसके लिए रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, बस्तर और सरगुजा के लिए अक्टूबर में निविदा निकाली गई थी, जिसमें निजी कंपनी को सात रुपये से 20 रुपये वर्गफुट तक भुगतान किया जाएगा।
19 दिसंबर को विधानसभा में आगजनी की घटनाओं के बाद अस्पतालों में फायर ऑडिट को लेकर चर्चा के दौरान उन्होंने गृह विभाग को इसकी जिम्मेदारी बताई। लेकिन, बाद में पता चला कि सीजीएमएससी ने दो महीने पहले ही एनजीओ सीजी फायर सेफ्टी एंड डिजास्टर मैनेजमेंट कमेटी को ऑडिट का ठेका दे दिया था। इस मामले के उजागर होने के बाद बीते शुक्रवार को टेंडर निरस्त कर दिया गया।