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Bhole Baba lawyer gave a twist on Hathras accident said some people came and sprinkled poison
नई दिल्ली। हाथरस में सत्संग के दौरान भगदड़ से हुई मौतों के मामले में तेजी से जांच जारी है। अभी तक इस मामले में कुल 9 आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है। इस बीच 'भोले बाबा' के वकील ए पी सिंह ने दावा किया कि हाथरस में सत्संग के दौरान लोगों ने जहरीले पदार्थ से भरे डिब्बे खोले थे, जिससे भगदड़ मच गई। उनके वकील ए.पी सिंह के मुताबिक प्रत्यक्षदर्शियों ने उन्हें बताया कि दो जुलाई को भगदड़ जहरीले पदार्थ के कारण हुई।
दिल्ली में पत्रकारों को संबोधित करते हुए सिंह ने भगदड़ को साजिश करार दिया। वहीं सत्संग में आए मुगलगढ़ी गांव के सुधीर प्रताप सिंह ने कहा, "यह घटना तब हुई जब 'बाबा' ने घोषणा की कि भक्तों को उनके पैरों के पास की मिट्टी ले लेनी चाहिए। भक्त जल्दबाजी में मिट्टी लेने के लिए दौड़े, लेकिन वे एक के ऊपर एक गिरने लगे और दम घुटने से उनकी मौत हो गई। इस दौरान मंच से भीड़ को संभालने के बजाये भगदड़ में फंसे अपने भक्तों को छोड़ बाबा अपने काफिले के जरिये रवाना हो गया।"
भोले बाबा' के 'सत्संग' के बाद भगदड़ मच गई थी। इस हादसे में कुल 121 लोग मारे गए थे। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में यह आंकड़ा 150 के पार भी जा चुका है। इस हादसे में मरने वाले लोगों में से ज्यादातर महिलाएं थी। गौरतलब है कि, भोले बाबा अभी भी गायब हैं। हालांकि उन्होंने इस हादसे के 6 दिन बाद अपने वकील से कानूनी सलाह लेने के बाद एक वीडियो संदेश जारी किया था। इस हादसे को लेकर राहुल ने यूपी सीएम से पीड़ित परिवारों के लिए मुआवजा बढ़ाने की मांग की है। पीड़ित परिवारों से सांसद चंद्रशेखर आजाद आज मुलाकात करेंगे।
'भोले बाबा' के वकील ए पी सिंह ने दावा किया है कि 'बढ़ती लोकप्रियता' के चलते ये साजिश रची गई थी। बता दें कि उत्तर प्रदेश के हाथरस में स्वयंभू बाबा सूरजपाल उर्फ नारायण साकार हरि उर्फ ‘भोले बाबा' के 'सत्संग' के बाद भगदड़ मच गई थी। इस सत्संग में आए लोग अधिकतर अलीगढ़ और हाथरस के रहने वाले थे।
सिंह ने इस घटना को साजिश बताते हुए कहा, 'प्रत्यक्षदर्शियों ने मुझसे संपर्क किया और बताया कि वहां 15-16 लोग जहरीले पदार्थ के डिब्बे लेकर आए थे, जिन्हें उन्होंने भीड़ में खोल दिया। मैंने मारे गए लोगों की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट देखी है और उससे पता चला है कि उनकी मौत दम घुटने से हुई, चोटों के कारण नहीं।' 'घटनास्थल पर लोगों को भागने में मदद करने के लिए वाहन खड़े थे। हमारे पास सबूत हैं और हम उन्हें पेश करेंगे। यह पहली बार है जब मैं इसके बारे में बोल रहा हूं।' उनसे संपर्क करने वाले गवाहों ने नाम न बताने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा, 'हम उनके लिए सुरक्षा की मांग करेंगे।'
यूपी पुलिस ने इस हादसे के मुख्य आरोपी देवप्रकाश मधुकर समेत नौ लोगों को गिरफ्तार किया है। अधिकारियों ने कहा कि मधुकर 'सत्संग' का मुख्य आयोजक और धन जुटाने वाला व्यक्ति था, जहां 80 हजार की अनुमत सीमा के विपरीत 2.5 लाख से अधिक लोग एकत्र हुए थे। स्थानीय सिकंदरा राव थाने में दर्ज प्राथमिकी में स्वयंभू बाबा का नाम आरोपी के रूप में नहीं है।
हाथरस पुलिस ने कहा कि वह एक राजनीतिक दल द्वारा ‘सत्संग' के लिए संदिग्ध वित्तपोषण किए जाने की भी जांच कर रही है। जिसमें 'सबसे सख्त संभव' कार्रवाई की जा सकती है। यह पूछे जाने पर कि क्या सूरजपाल उर्फ ‘भोले बाबा' से भी पूछताछ की जाएगी, जांच आयोग के एक सदस्य ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा गठित न्यायिक आयोग अपनी जांच के लिए आवश्यक किसी भी व्यक्ति से बात करेगा। वहीं उत्तर प्रदेश न्यायिक आयोग की टीम ने हाथरस भगदड़ मामले में कई चश्मदीदों के बयान दर्ज किए।
आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के सांसद चंद्रशेखर आजाद आज(सोमवार) पीड़ित परिवारों से मुलाकात करने के लिए अलीगढ़ और हाथरस जाएंगे। इनसे पहले हाल ही में कांग्रेस नेता राहुल ने भी पीड़ित के परिवार वालों से मुलाकात की थी।
गैरतलब है कि, शनिवार को 'भोले बाबा' ने एक वीडियो जारी किया था। जिसमें बाबा ने कहा कि "अराजकता फैलाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। आरोपियों को सजा मिलेगी।
वहीं, आयोग के अध्यक्ष एवं इलाहाबाद उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश बृजेश कुमार श्रीवास्तव ने हाथरस में संवाददाताओं को बताया कि आयोग जल्द ही एक सार्वजनिक नोटिस जारी करेगा, जिसमें स्थानीय लोगों और गवाहों से भगदड़ से संबंधित कोई भी सबूत साझा करने के लिए कहा जाएगा।