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नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने एक बड़ी कार्रवाई की है! उन्होंने Google और Meta (जो Facebook और Instagram चलाती है) को नोटिस भेजा है। ये नोटिस ऑनलाइन सट्टेबाजी वाले ऐप्स से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग (पैसे के हेरफेर) के मामले में भेजे गए हैं। इससे साफ है कि भारत सरकार अब ऑनलाइन सट्टेबाजी और उससे होने वाले पैसों के गलत इस्तेमाल को लेकर काफी गंभीर हो गई है।
ED की जांच में कई ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप्स शामिल हैं। इन पर आरोप है कि ये ऐप्स गैरकानूनी तरीके से पैसे इकट्ठा कर रहे थे और उन्हें देश से बाहर भेज रहे थे। इन ऐप्स ने Google और Meta के प्लेटफॉर्म पर खूब विज्ञापन दिए, ताकि वे भारत में ज़्यादा से ज़्यादा लोगों तक पहुंच सकें। ED का मानना है कि इन कंपनियों ने अपने प्लेटफॉर्म पर ऐसे विज्ञापनों को दिखाकर कहीं न कहीं इन गैरकानूनी कामों में मदद की है।
ED ने Google और Meta से इन सट्टेबाजी ऐप्स से जुड़े विज्ञापनों और उनसे उन्हें कितना पैसा मिला, इसकी पूरी जानकारी मांगी है। साथ ही, ED यह भी जानना चाहता है कि इन कंपनियों ने अपने प्लेटफॉर्म पर ऐसे गैरकानूनी कामों को रोकने के लिए क्या कदम उठाए थे।
Google, जो इतनी बड़ी टेक कंपनी है, हमेशा अपनी विज्ञापन नीतियों को बदलती रहती है ताकि उसके प्लेटफॉर्म का गलत इस्तेमाल न हो। भारत में ऑनलाइन सट्टेबाजी के बढ़ते मामलों को देखते हुए, Google ने पहले भी इस तरह की गतिविधियों को कंट्रोल करने के लिए कदम उठाए हैं।
Google की पुरानी जानकारी और रिपोर्टों के मुताबिक, कंपनी ने गैरकानूनी जुए और सट्टेबाजी से जुड़े विज्ञापनों पर अपनी नीतियों को लगातार सख्त किया है। Google की विज्ञापन नीतियां साफ-साफ ऐसे विज्ञापनों पर रोक लगाती हैं जो गैरकानूनी जुए को बढ़ावा देते हैं या जुए से जुड़ी ऐसी चीज़ों को दिखाते हैं जो देश के कानूनों का उल्लंघन करती हैं। उनके पास एक मजबूत सिस्टम है जो संदिग्ध विज्ञापनों को पहचानता है और उन्हें हटाता है। अगर कोई विज्ञापनदाता बार-बार नियम तोड़ता है, तो Google उसके विज्ञापन खाते को भी बंद कर देता है।
लेकिन, ED के इस नोटिस से यह साफ हो गया है कि सरकार अब सिर्फ नियमों से खुश नहीं है, बल्कि वह यह भी देखना चाहती है कि इन नियमों को कितना सख्ती से लागू किया जा रहा है।
भारत सरकार काफी समय से ऑनलाइन सट्टेबाजी और गेमिंग को नियंत्रित करने की कोशिश कर रही है। पिछले कुछ समय में कई राज्यों ने ऑनलाइन सट्टेबाजी पर रोक लगाई है, और केंद्र सरकार भी इस पर एक बड़ा कानून लाने पर विचार कर रही है। ED की यह कार्रवाई दिखाती है कि सरकार अब सिर्फ छोटे-मोटे लोगों पर ही नहीं, बल्कि उन बड़ी कंपनियों पर भी कार्रवाई करने के लिए तैयार है जो ऐसे कामों को बढ़ावा देती हैं।
इस मामले में ED की आगे की जांच से और भी कई बातें सामने आने की उम्मीद है। यह देखना दिलचस्प होगा कि Google और Meta इस नोटिस का क्या जवाब देते हैं और क्या इस कार्रवाई से भविष्य में ऑनलाइन विज्ञापन की नीतियों में कोई बड़ा बदलाव आएगा। यह कदम यकीनन भारत में ऑनलाइन विज्ञापन के लिए एक बड़ा मोड़ साबित हो सकता है।