Big action taken against Aam Aadmi Party convenor Arvind Kejriwal FIR filed in this case
नई दिल्ली। दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल के खिलाफ FIR दर्ज हुई है। दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को अरविंद केजरीवाल पर सार्वजनिक संपत्ति अधिनियम का उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए एक शिकायत पर एफआईआर दर्ज की। मामले की अगली सुनवाई 18 अप्रैल को होगी।
राउज एवेन्यू कोर्ट को दिए गए अपडेट में दिल्ली पुलिस ने बताया कि अरविंद केजरीवाल और इसमें शामिल अन्य व्यक्तियों के खिलाफ औपचारिक शिकायत के बाद मामले की जांच शुरू कर दी गई है। दिल्ली की अदालत ने 11 मार्च को पुलिस को अरविंद केजरीवाल और अन्य के खिलाफ राष्ट्रीय राजधानी में बड़े- बड़े होर्डिंग लगाने के लिए कथित तौर पर सार्वजनिक धन का दुरुपयोग करने के आरोप में एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया था।
इसके अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट नेहा मित्तल ने अपने फैसले में कहा, “इस अदालत की राय है कि सीआरपीसी की धारा 156(3) के तहत आवेदन स्वीकार किए जाने योग्य है। तदनुसार, संबंधित एसएचओ को दिल्ली संपत्ति विरूपण निवारण अधिनियम, 2007 की धारा 3 और मामले के तथ्यों से ऐसा प्रतीत होने वाले किसी भी अन्य अपराध के तहत तुरंत एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया जाता है।”
2019 में दर्ज की गई शिकायत में केजरीवाल, तत्कालीन मटियाला विधायक गुलाब सिंह (AAP) और द्वारका A वार्ड की पूर्व पार्षद नितिका शर्मा पर क्षेत्र भर में विभिन्न स्थानों पर बड़े आकार के होर्डिंग्स लगाकर जानबूझकर जनता के पैसे का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया गया था।
दिल्ली विधानसभा का बजट सत्र चल रहा है। इस बीच मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने AAP और अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि उन्होंने कोविड पीड़ितों को वित्तीय सहायता प्रदान करने की तुलना में विज्ञापन और प्रचार को प्राथमिकता दी है। रेखा गुप्ता ने कहा कि पूर्व की आप सरकार ने कोविड योद्धाओं के केवल 97 परिवारों को एक-एक करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता दी, लेकिन 17 करोड़ रुपये प्रचार पर खर्च कर दिए। वह बजट पर चल रही चर्चा के दौरान विधानसभा में बोल रही थीं। उन्होंने पूछा, “कोविड के दौरान इन लोगों ने (जिन्होंने अपने प्रचार पर करोड़ों रुपये खर्च करने के अलावा कोई काम नहीं किया) केवल 97 परिवारों को वित्तीय सहायता प्रदान की और इसके विज्ञापन पर 17 करोड़ रुपये खर्च किए। क्या दिल्ली में कोविड काल के दौरान केवल 97 लोग ही मरे?”
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