Big twist in the case of cash found at justice Yashwant Verma h Fire department said No money was found at the house
दिल्ली हाई कोर्ट के जज जस्टिस यशवंत वर्मा(Justice Yashwant Verma) के घर पर कथित तौर पर मिले करोड़ों रुपये के नकदी मामले में बड़ा ट्विस्ट आ गया है। दिल्ली अग्निशमन विभाग के प्रमुख अतुल गर्ग ने मामले में सफाई देते हुए कहा है कि अग्निशमन अभियान के दौरान दिल्ली हाई कोर्ट के जज के घर से कोई नकदी नहीं मिली थी।
वहीं इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने एक बयान जारी कर कहा है कि जस्टिस यशवंत वर्मा के तबादले की प्रक्रिया का किसी दंडात्मक कदम से संबंध नहीं है। शीर्ष अदालत ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार आंतरिक जांच की जा रही है और तबादले का उस जांच से कोई संबंध नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट के बयान में कहा गया है, "जस्टिस यशवंत वर्मा के आवास पर हुई घटना के संबंध में गलत सूचना और अफवाहें फैलाई जा रही हैं... जस्टिस यशवंत वर्मा, जो दिल्ली उच्च न्यायालय में दूसरे सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश और कॉलेजियम के सदस्य हैं, को उनके मूल उच्च न्यायालय यानी इलाहाबाद उच्च न्यायालय में स्थानांतरित करने का प्रस्ताव, जहां वे वरिष्ठता में नौवें स्थान पर होंगे, स्वतंत्र और आंतरिक जांच प्रक्रिया से अलग है। भारत के मुख्य न्यायाधीश और सर्वोच्च न्यायालय के चार वरिष्ठतम न्यायाधीशों वाले कॉलेजियम द्वारा 20 मार्च 2025 को प्रस्ताव की जांच की गई और उसके बाद सर्वोच्च न्यायालय के परामर्शी न्यायाधीशों, संबंधित उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों और न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा को पत्र लिखे गए। प्राप्त प्रतिक्रियाओं की जांच की जाएगी और उसके बाद ही कॉलेजियम कोई प्रस्ताव पारित करेगा।"
बता दें कि, इस पूरे विवाद के बीच जस्टिस यशवंत वर्मा(Justice Yashwant Verma) छुट्टी पर चले गए हैं। वहीं उनके ट्रांसफर का विरोध भी इलाहाबाद हाइकोर्ट बार एसोसिएशन कर रहा है।
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