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CG Cabinet Direct election of Mayor and Municipality President, Tourism to be given industry status
रायपुर। साय कैबिनेट की सोमवार को हुई बैठक में बड़ा फैसला लिया गया। अब छत्तीसगढ़ में होने वाले नगरीय निकाय चुनाव में जनता महापौर का चुनाव करेगी। बैठक में प्रदेश के नगर पालिक निगमों के महापौर एवं नगर पालिकाओं के अध्यक्ष का निर्वाचन प्रत्यक्ष रीति से कराए जाने का निर्णय लिया है। इसके लिए बैठक में छत्तीसगढ़ नगर पालिक निगम अधिनियम, 1956 (संशोधन) अध्यादेश, 2024 एवं छत्तीसगढ़ नगर पालिका अधिनियम 1961 (संशोधन) अध्यादेश 2024 (प्रत्यक्ष निर्वाचन एवं आरक्षण संबंधित प्रावधान) की विभिन्न धाराओं में संशोधन किए जाने के संबंध में अध्यादेश 2024 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया।
बता दें कि, अविभाजित मध्य प्रदेश राज्य में 1999 के पूर्व नगर पालिक निगमों में महापौर तथा नगर पालिकाओं के अध्यक्ष का निर्वाचन प्रत्यक्ष रीति से होता था। तत्कालीन सरकार द्वारा नगरीय निकायों के महापौर तथा नगर पालिकाओं के अध्यक्ष का निर्वाचन को अप्रत्यक्ष रीति से कराए जाने का निर्णय लिया था, जिसकी अधिसूचना का प्रकाशन राजपत्र में 12 दिसम्बर 2019 को किया गया था।
इसके अलावा, छत्तीसगढ़ शासन के पिछड़ा वर्ग एवं अल्संख्यक विभाग द्वारा मंत्रालय द्वारा त्रिस्तरीय पंचायतों एवं नगरीय निकायों के निर्वाचन में अन्य पिछड़ा वर्ग के प्रतिनिधित्व एवं आरक्षण के संबंध में स्थानीय निकायों में आरक्षण को एकमुश्त सीमा 25 प्रतिशत को शिथिल कर अन्य पिछड़ा वर्ग की संख्या के अनुपात में 50 प्रतिशत आरक्षण की अधिकतम सीमा तक आरक्षण के प्रावधान की स्वीकृति पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग के प्रतिवेदन में प्राप्त अनुशंसा के अनुसार दी गई है।
यहां यह उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ सरकार द्वारा सार्वजनिक वितरण प्रणाली अंतर्गत राज्य के सभी अनुसूचित विकासखण्डों एवं मॉडा पैकेट क्षेत्र में निवासरत अंत्योदय तथा प्राथमिकता वाले राशन कार्डधारियों को प्रतिमाह 5 रूपए किलो की दर से 2 किलो चना प्रदाय किया जाता है। वर्तमान में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा चना वितरण योजना के तहत 30 लाख 22 हजार परिवारों को लाभान्वित किया जा रहा है। राज्य को चना वितरण के लिए प्रति माह 6046 टन तथा प्रति वर्ष 72 हजार 52 टन चना की जरूरत होती है। चना का उपार्जन नागरिक आपूर्ति निगम द्वारा किया जाता रहा है। छत्तीसगढ़ सरकार की चना वितरण योजना के माध्यम से हितग्राहियों को उच्च क्वालिटी का चना प्रदाय किया जा सके, इसके लिए मंत्रिपरिषद ने नागरिक आपूर्ति निगम को NeML ई-ऑक्शन प्लेटफॉर्म के माध्यम से किए जाने की अनुमति दी गई।
पर्यटन को उद्योग का दर्जा मंत्रिपरिषद की बैठक में राज्य में पर्यटन को बढ़ावा तथा योजनाबद्ध विकास के लिए छत्तीसगढ़ पर्यटन विभाग के प्रस्ताव पर राज्य में पर्यटन को उद्योग का दर्जा प्रदान करने का निर्णय लिया गया।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ सरकार की नई औद्योगिक नीति 2024-30 के अंतर्गत पर्यटन, मनोरंजन एवं अन्य सामाजिक सेवा सेक्टर में शामिल के अलावा भारत सरकार एवं छत्तीसगढ़ पर्यटन नीति 2020 में पर्यटन परियोजनाओं हेतु निर्धारित न्यूनतम स्थायी पूंजी निवेश किए जाने पर सामान्य उद्योगों की भांति अनुदान/छूट/रियायत का प्रावधान किया गया है।
पर्यटन को उद्योग का दर्जा दिए जाने से प्रदेश में साहसिक, जल पर्यटन, मेडिकल एवं वेलनेस टूरिज्म, एग्रो टूरिज्म, पर्यटन की इकाईयों, लैंड बैंक में निजी निवेश को आकर्षित एवं प्रोत्साहित करने में मदद मिलेगी। इससे स्टेक होल्डर प्रोत्साहित होंगे। पर्यटन संबंधी अधोसंरचना का विकास होगा। पर्यटन से संबंधित पूंजी निवेश बढ़ेगा। राज्य में राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय पर्यटकों के अनुकूल सुख-सुविधाओं का विकास होगा। राज्य में पर्यटन के क्षेत्र में रोजगार के बड़े अवसर सृजित होंगे।….
बता दें कि, महापौर का प्रत्यक्ष प्रणाली से चुनाव कराये जाने के फैसले को लेकर कांग्रेस ने प्रतिक्रिया भी दे दी है। कांग्रेस प्रवक्ता सुशिल आनंद शुक्ला ने कहा
कि साय कैबिनेट के इस फैसले से उसका(बीजेपी) चरित्र संविधान विरोधी है यह साबित हो गया है। उन्होंने कहा कि, कांग्रेस हर चुनाव के लिए तैयार है और वह अच्छा प्रदर्शन करेगी चाहे किसी भी प्रणाली से चुनाव कराये जाएं।