CG News The issue of water crisis in Indravati river echoed in Parliament
रायपुर। छत्तीसगढ़ के बस्तर की जीवनदायिनी इंद्रावती नदी में जोहरा नाला के जल प्रवाह को लेकर उत्पन्न जल संकट पर संसद में सांसद महेश कश्यप ने मुद्दा उठाया। जगदलपुर में पानी की गंभीर समस्या और हजारों एकड़ में सूखती फसलों की पीड़ा को रखते हए जलशक्ति मंत्री से जोहरा नाला एवं इंद्रावती नदी के बीच हुए 50-50% जलवितरण समझौते के शीघ्र क्रियान्वयन की मांग की है।
बस्तर सांसद महेश कश्यप ने कहा कि, बस्तर में कोई भी समस्या हो मैं बस्तरवासियों के हक के लिए हमेशा खड़ा रहूंगा। इंद्रावती नदी के जल संकट को लेकर जलशक्ति मंत्री से इसके बारे में चर्चा कर हल निकालने के लिए कहा।
आपको बता दें कि, बीते फरवरी महीने से ही इंद्रावती नदी में जल संकट मंडराने लगा है, जिसका असर देश में मिनी नियाग्रा के नाम से मशहूर चित्रकोट जलप्रपात पर भी दिखाई दे रहा है। चित्रकोट वाटरफॉल की धारा धीरे-धीरे कम होती जा रही है। वहीं, खेती करने वाले किसानों की चिंता भी बढ़ गई है। पानी की कमी की चिंता को लेकर बीते दिनों बस्तर के किसान सड़कों पर उतर गए थे और राज्य सरकार से अपील कर रहे है कि, उनके सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी की व्यवस्था बनाई जाए।
इसके आलावा इस मुद्दे को लेकर बीते 10 मार्च को बस्तर के किसानों ने 'इंद्रावती नदी बचाओ संघर्ष समिति' के बैनर तले नेशनल हाईवे 30 पर भोंड के पास चक्काजाम कर दिया था। किसानों का आरोप था कि, इंद्रावती नदी का पानी उनके खेतों की सिंचाई के लिए देने की बजाय चित्रकोट जल प्रताप के लिए छोड़ दिया जा रहा है। आपको बता दें कि अधिकारीयों का कहना है कि, पानी का जल स्तर कम होने के कारण ऐसा किया गया है। चूंकि चित्रकोट जल प्रताप पर्यटन का एक केंद्र है, और बड़े बड़े लोग यहां घूमने आते है। वहींम इस समस्या को लेकर किसानों ने जिला कलेक्टर को 28 फरवरी को ज्ञापन भी सौंपा था, हालांकि, इस विषय पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। जो की छत्तीसगढ़ बस्तर संभाग के किसानों के लिए एक गंभीर समस्या बनी हुई है।
अन्य समाचार
Copyright © 2025 rights reserved by Inkquest Media