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Delay in getting EV subsidy due to lack of funds
रायपुर। इलेक्ट्रिक व्हीकल के लिए कम्पनियाँ और सरकार ज़ोर-शोर से प्रचार करती हैं लेकिन जब उपभोक्ताओं के खातें में सब्सिडी ट्रांसफ़र करने की बात आती है तो सरकार के पास फंड का रोना शुरु हो जाता है।
छत्तीसगढ़ के हज़ारों व्हीकल ओनर्स इलेक्ट्रिक व्हीकल ( ईवी) इस प्रत्याशा में ख़रीदते हैं कि उनकी गाड़ी पर होने वाला ईंधन का खर्च कम होगा और पर्यावरण बचाने की दिशा में भी उनका योगदान होगा। इसके लिये उपभोक्ता सामान्य वाहनों की क़ीमत की अपेक्षा मंहगी ईवी ख़रीदते हैं। लेकिन सरकार की ओर से मिलने वाली सब्सिडी वर्षों तक लम्बित रहती है।
सूत्रों के मुताबिक़ छत्तीसगढ़ में क़रीब 100 करोड़ रुपये की सब्सिडी बकाया है और राज्य सरकार ने सब्सिडी के लिए मात्र 30 करोड़ रुपये का फंड जारी किया है। ऐसी हालत में हज़ारों वाहन मालिकों को लम्बा इंतज़ार करना पड़ेगा। हालाँकि सरकार के परिवहन विभाग में वर्ष 2019-20, 2020-21 और 2021-22 की लम्बित सब्सिडी वाहन मालिकों के खातों में ट्रांसफ़र कर दी है। वर्ष 2022-23 और 2023-24 की क़रीब 100 करोड़ की सब्सिडी लंबित है। इस साल के लिये राज्य सरकार ने 30 करोड़ का फंड दिया है। इसका मतलब है कि बची हुई 70 करोड़ की सब्सिडी के हज़ारों दोपहिया, तिपहिया और चार पहिया वाहन मालिकों को अगले साल के बजट सत्र तक इंतज़ार करना होगा। बजट में आंबटन के बाद भी ट्रांसफ़र में समय लग सकता है।