Copyright © 2025 rights reserved by Inkquest Media
अन्य समाचार
Former SCBA president Vikas Singh challenges Supreme Court's decision to convert library into museum
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) के पूर्व अध्यक्ष और वरिष्ठ वकील विकास सिंह ने पुराने जजों के पुस्तकालय को सार्वजनिक संग्रहालय में तब्दील करने सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले पर गंभीर चिंता व्यक्त की है। दरअसल, मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट परिसर में नए राष्ट्रीय न्यायिक संग्रहालय और अभिलेखागार का उद्घाटन किया, जिसमें न्यायाधीशों और बार के सदस्य मौजूद थे।
बुधवार को मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ को संबोधित एक पत्र में सिंह ने न्यायालय में हाल ही में हुए बुनियादी ढांचे में बदलावों में कानूनी समुदाय की जरूरतों की अनदेखी को लेकर “गहरी पीड़ा और चिंता” व्यक्त की। उन्होंने इस बात पर जोर डाला कि जजों के पुस्तकालय का स्थान, उच्च सुरक्षा वाले क्षेत्र में है, जो इसे जनता के लिए सुलभ संग्रहालय में बदलने के लिए अनुपयुक्त बनाता है।
सिंह ने तर्क दिया कि बढ़ती एससीबीए सदस्यता को देखते हुए तत्काल एक कैफेटेरिया, वर्कस्टेशन, टॉयलेट और कोर्ट रूम के पास एक अच्छी तरह से सुसज्जित पुस्तकालय जैसी सुविधाओं की आवश्यकता है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि अधिवक्ताओं के लिए वर्तमान सुविधाएं या तो अपर्याप्त हैं या असुविधाजनक स्थान पर स्थित हैं, जिससे न्यायालय में कानूनी पेशेवरों के लिए दैनिक गतिविधियां जटिल हो जाती हैं।
बता दें कि, सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील विकास सिंह तब चर्चा में आये थे जब उन्होंने सुशांत सिंह मौत केस को अपने हाथों में लिया था। एक्टर सुशांत के परिवार ने उनकी मौत को मर्डर बताते हुए सीबीआई जाँच की मांग की थी। जिसको लेकर विकास सिंह के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। और आखिरकार शीर्ष अदालत ने मामले को सीबीआई को सौंपने का आदेश जारी कर दिया था।