Ghibli Art Know who is the owner of social media trend Ghibli
डिजिटल डेस्क। सोशल मीडिया पर इन दिनों घिबली आर्ट (Ghibli Art) एनिमेशन छाया हुआ है। एआई प्लेटफॉर्म चैटजीपीटी के जरिए लगभग हर शख्स फोटो से उसका एनिमेशन बना रहा है। पहले यह सुविधा प्रीमियम यूजर्स के लिए थी। लेकिन अब फ्री यूजर्स भी घिबली एनिमेशन बना सकते हैं। क्या आपको पता है कि, यह घिबली एनिमेशन कहां से आया? इसके फाउंडर कौन हैं और उनकी नेटवर्थ कितनी है?
'घिबली' का कनेक्शन जापान से है। इसका श्रेय हायाओ मियाज़ाकी (Hayao Miyazaki) और उनके स्टूडियो घिबली को जाता है। वह घिबली स्टूडियो के फाउंडर हैं। मियाज़ाकी को जापानी एनिमेशन की दुनिया का बादशाह माना जाता है। इनकी बनाई फिल्में दुनियाभर में पसंद की जाती हैं। उन्होंने 25 से ज्यादा एनिमेटेड फिल्में और टीवी सीरीज बनाई हैं। उनकी सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म स्पिरिटेड अवे (Spirited Away) है। इसने दुनियाभर में 275 मिलियन डॉलर (2300 करोड़ रुपये से ज्यादा) कमाए थे।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, हायाओ मियाज़ाकी का जन्म 5 जनवरी 1941 को टोक्यो, जापान में हुआ था। उनका बचपन द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान बीता। उनके पिता एयरोस्पेस कंपनी में काम करते थे, जो युद्धकाल में विमानों के पुर्जे बनाती थी। इसी कारण से मियाज़ाकी का झुकाव शुरू से ही उड़ान, तकनीक और जादुई दुनिया की ओर था। उन्होंने टोक्यो के गाकुशुइन यूनिवर्सिटी से पॉलिटिकल साइंस और इकोनॉमिक्स की पढ़ाई की, लेकिन उनका असली प्यार एनिमेशन था, जिसने उन्हें इस क्षेत्र में करियर बनाने के लिए प्रेरित किया।
मियाज़ाकी ने अपने करियर की शुरुआत 1963 में टोड़ एनिमेशन स्टूडियो से की थी इस दौरान उनकी मुलाकात इसाओ ताकाहाता से हुई। दोनों नें मिलकर 1985 में स्टूडियो घिबली की स्थापना की। इस स्टूडियो का उद्देश्य केवल मनोरंजन देना नहीं था, बल्कि एनिमेशन के जरिए गहरी और सार्थक कहानियां प्रस्तुत करना था। उन्होंने जापानी संस्कृति, 4 सामाजिक मुद्दों और काल्पनिक दुनिया को मिलाकर अनोखी फिल्में बनानी शुरू कीं।
मियाज़ाकी की नेटवर्थ का कोई सटीक अनुमान नहीं है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उनकी नेटवर्थ करीब 50 मिलियन डॉलर (करीब 428 करोड़ रुपये) है। स्टूडियो घिबली के प्रोडक्ट्स और स्ट्रीमिंग राइट्स से होने वाली कमाई ने मियाजाकी की संपत्ति को बढ़ाने में बहुत मदद की है। घिबली ट्रेंड पर प्रतिक्रिया देते हुए मियाजाकी ने कहा कि, मैं एआई को अपने काम में शामिल नहीं करना चाहता। यह जीवन का अपमान है। एआई कभी मानव की भावनाओं को नहीं समझ सकता।
पोन्यो ऑन द क्लिफ बाय द सी' फिल्म बनाते समय मियाजाकी ने जापान के सेतोउची समुद्र के पास एक छोटा सा घर किराए पर लिया। वे हर सुबह समुद्र किनारे बैठकर स्कैच बनाते थे। उन्होंने पूरे पांच महीने वहीं रहकर समुद्र की हर लहर को देखा और समझा। स्थानीय मछुआरों से बातचीत करके उन्होंने फिल्म में असली समुद्री जीवन को दिखाया।
वहीं मियाज़ाकी की सबसे मशहूर फिल्म 'स्पिरिटेड अवे' एक अनोखे तरीके से बनी। फिल्म शुरू करने से पहले उनके पास पूरी स्क्रिप्ट नहीं थी। वे हर दिन सुबह सोचते थे कि आज क्या बनाना है। एनिमेटर अक्सर परेशान होते थे क्योंकि उन्हें नहीं पता होता था कि, कहानी कहां जा रही है। लेकिन मियाजाकी को विश्वास था कि फिल्म अपना रास्ता खुद बना लेगी। उनका यह अनोखा तरीका काम आया और नतीजा यह निकला की फिल्म ने 2003 में ऑस्कर अवॉर्ड भी जीता।
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