Girl got pregnant and then got an abortion done, she died due to infection After Bajinder Singh Pastor Jashan Gill accused of rape in Punjab(फोटो आभार- ऑपइंडिया)
मेरा यशु-यशु वाला पादरी बजिंदर सिंह के बाद पंजाब के एक और पादरी जशन गिल पर 22 साल की एक लड़की से बलात्कार का आरोप लगा है। पादरी गिल पंजाब के गुरदासपुर का रहने वाला है। मृतक पीड़िता के पिता ने बताया है कि कैसे पादरी ने बहला फुसलाकर उनकी बेटी के साथ रेप किया और उसे गर्भपात के लिए मजबूर किया गया। लड़की की संक्रमण के कारण इलाज के दौरान मौत हो गई। यह घटना ऐसे समय में हुई है जब कुछ दिन पहले ही मोहाली कोर्ट ने स्वयंभू पादरी बजिंदर सिंह को एक महिला से बलात्कार के आरोप में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।
पीड़िता के पिता ने बताया कि कैसे पादरी ने उनकी बेटी को गुमराह किया और 2023 में उसके साथ बलात्कार किया। पिता के मुताबिक वे अपने परिवार के साथ गुरदासपुर जिले के अबुल खैर गाँव के एक चर्च में जाया करते थे। जशन गिल नाम का पादरी उस चर्च में ही था। उसने उनकी बेटी को गुमराह किया और बहला-फुसला कर बलात्कार किया। उस वक्त उनकी बेटी 22 साल की थी और बीसीए की छात्रा थी। पादरी ने बेटी के साथ कई बार रेप किया जिससे वो गर्भवती हो गई। पादरी को जब पता चला तो उसने खोखर गाँव में कुलवंत कौर नाम की एक नर्स से उसका गर्भपात करवा दिया।
बेटी का गर्भपात नर्स ने लापरवाही से किया था, जिसके कारण बेटी को संक्रमण हो गया। बेटी ने पेट दर्द की शिकायत की जिसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया। इलाज के दौरान पेट में संक्रमण की जानकारी मिली और बाद में अल्ट्रासाउंड के बाद परिजनों को पता चला कि उनकी बेटी गर्भवती थी जिसका गर्भपात कराया गया है। बेटी को गंभीर हालत में अमृतसर ले जाया गया, जहाँ इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
पिता के मुताबिक गुरदासपुर पुलिस ने पादरी जशन गिल की सच्चाई उजागर होने के बाद भी गिरफ्तार नहीं किया। वह खुलेआम घूमता रहा और पुलिस उससे पैसे लेती रही। यह घटना 2023 में हुई थी लेकिन सालों बाद भी पादरी का बाल भी बांका नहीं हुआ। हालात ये हो गए कि परिवार को मारने की धमकियाँ मिलने लगी जिसके बाद परिवार को अपना गाव छोड़कर भागने के लिए मजबूर होना पड़ा।
पीड़िता के पिता ने कहा कि उन्हें लगातार धमकियां मिल रही हैं और अपनी सुरक्षा को देखते हुए उन्होंने गांव तक छोड़ दिया है। उन्होंने पंजाब हाई कोर्ट का रुख करते हुए CBI जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि उनकी अपनी बेटी के लिए न्याय की लड़ाई शुरू की है। पंजाब पुलिस ने कुछ नहीं किया। वह चाहते हैं कि इस मामले की निष्पक्ष जांच CBI से करवाई जाए।
पिता ने जानकारी दी कि पुलिस ने एफआईआर में कत्ल की धाराओं को भी नहीं जोड़ा, जबकि उनकी बेटी की मौत हो चुकी है। इतना ही नहीं नर्स कुलवंत कौर का नाम भी एफआईआर में दर्ज नहीं किया जा रहा। जब भी पुलिस के पास जाऊं तो वे राजीनामे का जोर लगाते हैं। 2 साल से घर से बाहर हूं, सिर्फ इंसाफ चाहिए।
इस घटना से कुछ दिन पहले ही मोहाली की अदालत ने एक अन्य स्वयंभू ईसाई पादरी बजिंदर सिंह को एक महिला से यौन उत्पीड़न के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। उसे ये सजा 2018 के मामले में हुई है, जहां एक प्रार्थना सत्र के बाद महिला के साथ मारपीट और उत्पीड़न हुआ था। वहीं, जालंधर के इस पादरी पर महिला के साथ मारपीट का मामला अभी चल रहा है।
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