Good news for dismissed B.Ed assistant teachers, there may be adjustment on the post of laboratory assistant or science teacher.
रायपुर। छत्तीसगढ़ में बीएड डिग्रीधारी 2641 सहायक शिक्षकों की बर्खास्तगी से उपजे विवाद के समाधान की दिशा में अब सकारात्मक पहल होती नजर आ रही है। राज्य सरकार द्वारा गठित उच्च स्तरीय समिति ने अब तक तीन बैठकें कर इस विषय पर मंथन किया है। समिति के अध्यक्ष मुख्य सचिव अमिताभ जैन हैं, जबकि शिक्षा सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेसी भी इसमें शामिल हैं।
सूत्रों के अनुसार, समिति इन शिक्षकों को प्रयोगशाला सहायक या सहायक शिक्षक विज्ञान के पदों पर समायोजित करने की संभावनाएं तलाश रही है। हालांकि, इस प्रकार की नियुक्ति में आने वाली कानूनी और प्रशासनिक अड़चनों को दूर करने के प्रयास भी साथ-साथ किए जा रहे हैं।
समिति ने राज्य के प्रख्यात शिक्षाविदों के साथ चर्चा कर उनकी राय भी जानी है। इनमें वरिष्ठ प्राचार्य राजेश कुमार चटर्जी, संजय सिंह, प्रधानपाठक अनिल शुक्ला और ओंकार सिंह शामिल हैं। इन शिक्षाविदों ने सुझाव दिया है कि बीएड डिग्रीधारियों को विज्ञान विषय में सहायक शिक्षक के रूप में समायोजित किया जा सकता है। इसके अलावा समिति ने डीपीआई अधिकारियों से भी विचार-विमर्श किया है।
बीएड डिग्रीधारी शिक्षकों की नियुक्ति और बर्खास्तगी की कहानी मई 2023 से शुरू होती है, जब शिक्षक भर्ती परीक्षा का नोटिफिकेशन जारी हुआ था। इस परीक्षा में बीएड धारियों को भी योग्य माना गया और जून में परीक्षा के बाद जुलाई में मेरिट सूची जारी कर दी गई। हालांकि, 11 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने प्राथमिक विद्यालयों के लिए बीएड को अयोग्य करार दिया। इसके बाद नियुक्ति प्रक्रिया पर हाईकोर्ट ने रोक लगाई, लेकिन बाद में सुप्रीम कोर्ट से बीएड धारियों को अस्थायी राहत मिली।
सितंबर 2023 में नियुक्ति पत्र जारी कर दिए गए और अक्टूबर में इन्हें औपचारिक रूप से नियुक्त किया गया। लेकिन, 2 अप्रैल 2024 को हाईकोर्ट ने आदेश देते हुए इन शिक्षकों को पदमुक्त करने को कहा और सुप्रीम कोर्ट ने भी अगस्त 2024 में याचिका खारिज कर दी। नवंबर में हाईकोर्ट ने डीएड अभ्यर्थियों को नौकरी देने का आदेश दिया और जनवरी 2025 में बीएड धारियों की सेवाएं समाप्त कर दी गईं।
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