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Hardcore Naxalite Manjula carrying a reward of Rs 20 lakh surrendered before the police was involved in the 2013 Jheeram Valley attack
बस्तर। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के 2026 तक देश को माओवाद से मुक्त करने के लक्ष्य का असर अब दिखने लगा है। इस ऐलान के बाद से लगातार माओवादी मुख्य धारा से जुड़ने आत्मसमर्पण कर रहे हैं।
इसी कड़ी में नक्सली संगठन में सालों से काम कर रही हार्डकोर माओवादी निर्मला ने सरेंडर कर दिया है। निर्मला दंडकारण्य विशेष क्षेत्रीय समिति की महिला सदस्य रही है। नक्सली संगठन में निर्मला को उसके साथ कोड़ी मंजुला के नाम से भी जानते हैं। कोड़ी मंजुला ऊर्फ निर्मला ने तेंलगाना के वारंगल में सरेंडर किया। निर्मला ने पुलिस आयुक्त अंबर किशोर झा के सामने सरेंडर किया। निर्मला हार्डकोर नक्सलियों में गिनी जाती रही है, यही वजह है कि उसपर सरकार ने 20 लाख का इनाम रखा था।
पुलिस आयुक्त अम्बर किशोर झा ने बताया कि सरेंडर नक्सली दंडकारण्य विशेष जोनल कमेटी की एरिया सचिव, मेडिकल टीम प्रभारी और दरभा डिविजनल कमेटी के सदस्य के रूप में काम कर चुकी है।
पुलिस के मुताबिक साल 2013 में हुए झीरम घाटी हमले में कोड़ी मंजुला ऊर्फ निर्मला शामिल रही है। झीरम घाटी हमले में छत्तीसगढ़ कांग्रेस के विद्याचरण शुक्ल जैसे कई वरिष्ठे नेताओं की निर्मम हत्या कर दी गई थी। कहा जा रहा है कि मंजुला इस घटना में आरोपी रही है। इसके अलावा मंजुला चित्यला, नरसापेट, एथूरनगरम और कई पुलिस स्टेशनों पर हुए गोलीबारी की आरोपी रही है।
वारंगल पुलिस आयुक्त ने खुलासा किया कि वारंगल जिले की कोडी मंजुला उर्फ निर्मला तत्कालीन पीपुल्स वार फोर्स की समर्थक रही है। उसका बड़ा भाई कोड़ी कुमार स्वामी उर्फ आनंद और चचेरा भाई कोड़ी वेंकन्ना उर्फ गोपन्ना नरसापेट में कमांडर के रूप में काम करते थे। एक गोलीबारी में दोनों की मौत हो गई। उनकी मृत्यु के साथ ही पीपुल्स वार ग्रुप की विचारधारा से प्रभावित कोड़ी मंजुला ने दसवीं कक्षा के बीच में ही अपनी पढ़ाई छोड़ दी और जनवरी 1994 में भाकपा (माले) पीपुल्स वार ग्रुप, नरसापेट दल में शामिल हो गयी।
निर्मला ने 1999 में पेरम बुचैया उर्फ सुरेंदर से शादी कर ली। उसी वर्ष कोड़ी मंजुला के पति सुरेंदर ने क्षेत्र समिति सदस्य के रूप में कार्यभार संभालने के बाद साल 2000 में पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। कोड़ी मंजुला ने साल 2001 में माचरला एसोबू उर्फ जगन के अधीन प्रेस टीम सुरक्षा प्लाटून में एक वर्ष तक काम किया। उसी वर्ष डिवीजनल कमेटी सदस्य कुकती वेंकटती उर्फ रमेश से निर्मला ने शादी कर ली।
24 दिसंबर 2002 को कोड़ी मंजुला को पुलिस ने भूपालपल्ली एरिया से गिरफ्तार किया। जेल से रिहा होने के बाद वो फिर से नक्सली संगठन के लिए काम करने लगी। 2007 से कोड़ी मंजुला बल कमांडर के रुप में कर रही है। साल 2011 में मंजुला को नक्सल संगठन में मेडिकल टीम की प्रभारी का भी जिम्मा मिला। साल 2012 में उसे दरभा डिविजन कमेटी का सदस्य बनाया गया। 2017 में निर्मला को बस्तर डिविजनल कमेटी का सदस्य बनाकर बस्तर भेजा गया।