ताजा खबर

जस्टिस वर्मा ने कैश मिलने के दावों को बताया बेतुका, सिब्बल बोले- न्यायिक प्रणाली में लोगों का कम हो रहा विश्वास

By: DM
New Delhi
3/24/2025, 10:41:30 AM
image

Justice Verma called the claims of getting cash absurd

नई दिल्ली: राज्यसभा सदस्य कपिल सिब्बल ने भारतीय न्यायिक प्रणाली के प्रति लोगों का विश्वास घटने का दावा करते हुए कहा कि विकल्प तभी संभव हैं जब सरकार और न्यायपालिका दोनों यह स्वीकार करें कि न्यायाधीशों की नियुक्ति और अन्य मौजूदा प्रणालियां अब प्रभावी नहीं रह गई हैं। 

एक साक्षात्कार के दौरान सिब्बल ने न्यायिक प्रणाली में मौजूद खामियों पर प्रकाश डाला और उदाहरण देते हुए बताया कि जिला और सत्र न्यायालयों में ज्यादातर मामलों में जमानत नहीं दी जा रही है, जिससे न्यायिक प्रक्रिया पर सवाल उठते हैं। उनका मानना था कि यह स्थिति नागरिकों के अधिकारों और स्वतंत्रता के लिए चिंताजनक है। 

हालांकि, सिब्बल ने दिल्ली हाई कोर्ट के न्यायाधीश यशवंत वर्मा के आवास पर कथित रूप से भारी मात्रा में नकदी मिलने के मामले पर टिप्पणी करने से परहेज किया। उन्होंने कहा कि बिना तथ्यों के इस मामले पर कोई भी बयान देना अनुचित होगा। उन्होंने आगे कहा कि एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में उन्हें इस पर टिप्पणी करने की आवश्यकता नहीं महसूस होती, जब तक कि मामले में तथ्यों की पुष्टि नहीं होती। 

जस्टिस यशवंत वर्मा ने कहा- ‘हमने या हमारे परिवार ने कोई नकदी नहीं रखी’

दिल्ली हाई कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस यशवंत वर्मा ने उस स्टोर रूम में कथित तौर पर मिले अधजले नोटों को लेकर अपनी बेगुनाही स्पष्ट की है। जस्टिस वर्मा ने साफ तौर पर इंकार किया कि उन्होंने या उनके परिवार ने उस स्टोर रूम में कभी भी कोई नकदी रखी थी। उन्होंने कहा, “यह विचार कि नकदी हमारे द्वारा रखी गई थी, पूरी तरह से बेतुका है।”

14 मार्च की रात दिल्ली स्थित उनके आवास के पास स्थित स्टाफ क्वार्टर के पास एक स्टोर रूम में आग लग गई थी, और वहां से अधजले नोटों की बोरियां मिली थीं। इस पर जस्टिस वर्मा ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि यह स्टोर रूम एक सामान्य स्थान था, जिसे सभी लोग इस्तेमाल करते थे। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह कमरा उनके मुख्य आवास से अलग था और इसका उनकी निजी संपत्ति से कोई लेना-देना नहीं है। 

जस्टिस वर्मा ने कहा, "यह स्टोर रूम खुला हुआ है और इसे कई लोग उपयोग करते थे। यह कहना कि कोई व्यक्ति इस खुले और आम तौर पर इस्तेमाल किए जाने वाले स्टोररूम में पैसे रखता है, अविश्वसनीय है।" उन्होंने दिल्ली हाई कोर्ट के मुख्य न्यायधीश डीके उपाध्याय को दिए गए जवाब में यह भी कहा कि यह कमरा उनके घर का हिस्सा नहीं है, जैसा कि कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया था।

Slide 0
Slide 1
Slide 2
Slide 3
Slide 4
Slide 5
Slide 6
Slide 7
Slide 8
Slide 9
Slide 10
Slide 11

अन्य समाचार

संपादकों की पसंद

सुर्खियों से परे, सच्चाई तक: ऐप डाउनलोड करें, खबरों का असली चेहरा देखें।

logo

टैग क्लाउड

logo
  • Contact Details Operator
  • Shubham Shekhar, Executive Editor
  • 412, Wallfort Ozone Fafadih, Raipur, C.G.
  • +919630431501
  • contact@inkquest.in

Copyright © 2025 rights reserved by Inkquest Media