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Law silent in front of fear of fundamentalists: Chinmay Das jailed for 1 month, no lawyer reached the court
ढाका। बांग्लादेश में गिरफ्तार किए गए इस्कॉन के पुजारी चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी की जमानत पर सुनवाई अगले महीने के लिए टाल दी गई है। चिन्मय दास की जमानत याचिका पर मंगलवार को सुनवाई होनी थी, लेकिन उनके वकील के न आने के कारण अदालत ने सुनवाई 2 जनवरी तक टाल दी है।
बता दें कि, बीते मंगलवार को वकीलों ने जमानत की सुनवाई के दौरान अपने मुवक्किल का प्रतिनिधित्व करने से इनकार कर दिया, जिसके कारण चटगाँव कोर्ट ने कार्यवाही स्थगित कर दी। कोर्ट ने अब अगली सुनवाई 2 जनवरी, 2025 के लिए निर्धारित की है। गौरतलब है कि चिन्मय कृष्णदास के मामले को संभालने वाले बांग्लादेशी वकील रमन रॉय पर इस्लामी चरमपंथियों ने हमला किया था और उनकी हालत फिलहाल गंभीर है।
चिन्मय दास को पिछले हफ़्ते बांग्लादेशी हिंदुओं पर बढ़ते हमलों के विरोध में प्रदर्शन करते समय देशद्रोह के आरोप में गिरफ़्तार किया गया था। दरअसल, चिन्मय दास एक रैली में हिस्सा लेने के लिए चटगाँव जा रहे थे। उन पर देशद्रोह का आरोप लगाया गया है। इसके बाद भारत ने भी चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ़्तारी पर अपनी आपत्ति जताई थी। वहीं इस मामले को लेकर इस्कॉन कोलकाता के प्रवक्ता राधारमण दास ने भी एक्स पर एक पोस्ट किया। उन्होंने कहा, "कृपया वकील रामेन रॉय के लिए प्रार्थना करें। उनकी एकमात्र 'गलती' चिन्मय कृष्ण प्रभु का कोर्ट में बचाव करना था। इस्लामवादियों ने उनके घर में तोड़फोड़ की और जाने से पहले उन पर बेरहमी से हमला किया। वह फिलहाल आईसीयू में हैं और अपनी जिंदगी के लिए संघर्ष कर रहे हैं।"
राधा रमण दास ने हिंदुओं और इस्कॉन पुजारियों को उनके खिलाफ बढ़ती हिंसा के मद्देनजर सलाह दी है। हिंदुओं पर हो रहे हमलों के बीच, इस्कॉन कोलकाता ने पड़ोसी देश में अपने सहयोगियों और अनुयायियों को अपने तिलक हटाने, तुलसी की माला छिपाने, अपने सिर को ढकने और भगवा पोशाक पहनने से बचने की सलाह दी है।