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Violence over Chinmoy Krishna Das in Bangladesh, many injured in lathi charge on Hindus
ढाका। बांग्लादेश में हिंदू समूह सनातनी जोत के नेता और इस्कॉन ट्रस्ट के सचिव चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी की गिरफ़्तारी का व्यापक विरोध हो रहा है। राजधानी ढाका और चटगाँव सहित देश के विभिन्न हिस्सों में लोग उनकी रिहाई की मांग को लेकर सड़कों पर उतर आए हैं। रिपोर्ट बताती हैं कि प्रदर्शनकारियों को पुलिस की बर्बरता का सामना करना पड़ा है, जिसमें लाठीचार्ज और आंसू गैस का इस्तेमाल भी शामिल है।
बता दें कि, चिन्मय को जमानत देने से कोर्ट ने इनकार कर दिया है, जिसके चलते उसे जेल में डाल दिया गया है। उसे बीते सोमवार को देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। जानकारी के मुताबिक, चटगाँव के छठे मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट काजी शरीफुल इस्लाम ने उसे जेल में डालने का आदेश जारी किया। जमानत से इनकार किए जाने के बाद उसके समर्थकों ने कोर्ट परिसर में "जय श्री राम" समेत कई नारे लगाए।
चिन्मय ने अपने समर्थकों से शांति बनाए रखने की अपील की है। इस बीच, बांग्लादेशी साइबर अपराधी इस्कॉन के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को निशाना बना रहे हैं। वहीं 30 अक्टूबर को चिन्मय और 18 अन्य के खिलाफ चटगांव के कोतवाली पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया था, जिसमें उन पर हिंदू समुदाय द्वारा आयोजित एक रैली के दौरान बांग्लादेश के राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करने का आरोप लगाया गया था।
चटगांव मेट्रोपॉलिटन पुलिस के कमिश्नर हसीब अज़ीज़ ने बताया कि, जब चिन्मय को भारी सुरक्षा के बीच जेल ले जाया जा रहा था, तो दो हज़ार से ज़्यादा समर्थकों ने वैन को घेर लिया। उन्होंने लगभग दो घंटे तक सड़क जाम की, जिस दौरान पत्थर फेंके गए। भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले दागे। सौभाग्य से, किसी के गंभीर रूप से घायल होने की कोई खबर नहीं है।