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Maoists declare ceasefire in Telangana: No firing for six months, level serious allegations against central government
हैदराबाद। देशभर में माओवादियों के खात्मे को लेकर एक ओर जहां सरकार सघन अभियान चला रही है, वहीं दूसरी ओर तेलंगाना राज्य समिति माओवादियों ने बड़ा ऐलान किया है। संगठन ने अगले छह महीने के लिए युद्धविराम (Ceasefire) की घोषणा करते हुए कहा है कि इस दौरान वे किसी तरह की हिंसक या गैरकानूनी गतिविधि में शामिल नहीं होंगे।
आत्मसमर्पण और पुनर्वास योजना का विरोध
तेलंगाना राज्य समिति लगातार केंद्र और राज्य सरकारों की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति का विरोध करती रही है। हाल ही में उत्तर बस्तर और महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में कई माओवादियों के आत्मसमर्पण के बाद संगठन ने अपने ही नेताओं पर “गद्दारी” के आरोप लगाए थे और कहा था कि उन्हें जनता के माध्यम से दंड दिया जाएगा।

तेलंगाना को बताया ‘सुरक्षित पनाहगाह’
माओवादियों की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि तेलंगाना में फिलहाल सरकार उनके खिलाफ किसी सघन अभियान को नहीं चला रही है। इससे ऐसा प्रतीत होता है कि संगठन राज्य को अपना सुरक्षित ठिकाना मान रहा है। पत्र में यह भी दावा किया गया है कि संगठन की ओर से अब तक किसी तरह की उग्र कार्रवाई नहीं की गई है।
केंद्र सरकार पर लगाए आरोप
माओवादियों के प्रवक्ता ने पत्र में भारतीय जनता पार्टी और केंद्र सरकार पर आरोप लगाया है कि वे तेलंगाना में सरकार और माओवादियों के बीच शांति प्रयासों को अस्थिर करने की कोशिश कर रहे हैं। संगठन का कहना है कि केंद्र की दखलअंदाजी से तेलंगाना में चल रहे संवाद और शांति प्रक्रिया को नुकसान पहुँच सकता है।

सरकार ने कहा- नजर रखी जा रही है हर गतिविधि पर
हालांकि, सूत्रों के अनुसार केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस घोषणा को लेकर सतर्क रुख अपनाया है। एजेंसियां माओवादियों की गतिविधियों पर करीबी निगरानी बनाए हुए हैं। अधिकारियों का कहना है कि किसी भी तरह की “शांति घोषणा” के पीछे के इरादों की पड़ताल की जाएगी, ताकि इसे सुरक्षा रणनीति पर असर डालने से रोका जा सके।